
झालावाड़ में आई रिट्राइवल सेंटर पर ताला
2021 में तकनीशियन का ट्रांसफर होने के बाद से ही बंद
झालावाड़. यहां एसआरजी अस्पताल में नेत्रदान प्राप्त करने के लिए 2020 में आई रिट्राइवल सेंटर खोला गया। इसके पीछे मकसद आई बैंक की स्थापना का था और इसलिए सरकार ने सेंटर खोलने के आदेश जारी किए थे। एक साल तक तो यह सेंटर अच्छे से चला लेकिन यहां कार्यरत एक तकनीशियन का ट्रांसफर होने के बाद से ही इस सेंटर पर ताले लग गए। अब िस्थति ऐसी है कि मेडिकल कॉलेज और पूरा सेटअप होते हुए भी नेत्रदान लेने के लिए कोटा व अन्य जगह से टीमें झालावाड़ जिले में आ रही है। जानकारी के अनुसार एसआरजी अस्पताल के कमरा नं. 116 में यह सेंटर बनाया गया है। यहां पूरी मशीनरी के साथ सेटअप तैयार है। कमी है तो सिर्फ तकनीशियन व अन्य स्टाफ की। 2020 में जब सेंटर शुरू किया गया था तब 3 नेत्रदान भी प्राप्त किए गए थे। कॉल आने पर नेत्रदान के लिए स्टाफ जाता था। साथ ही लोगों को जागरूक करते हुए संकल्प पत्र भी भरवाते थे। अगस्त 2021 तक यह सेंटर चला लेकिन उसके बाद से मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आई बैंक सोसायटी ने किया था सहयोग जानकारी के अनुसार आई रिट्राइवल सेंटर खोलने के लिए आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान ने पूरा सहयोग किया था। सेंटर के लिए मशीनरी व अन्य जरूरी सामान भी उपलब्ध कराए थे लेकिन यहां कार्यरत तकनीशियन महेंद्र यादव का जोधपुर ट्रांसफर हो गया। इस सेंटर की पूरी व्यवस्था महेंद्र के साथ में थी लेकिन उसके ट्रांसफर के बाद यहां किसी को नहीं लगाया और सेंटर पर ताला लग गया।
सिर्फ ट्रेनिंग की बात है
यह सेंटर एक तकनीशियन के ट्रांसफर के बाद से ही बंद है। इसे शुरू करने के लिए सिर्फ मेडिकल कॉलेज प्रशासन को एक तकनीशियन को ट्रेनिंग करानी है जो इसे संभाल सकता है। इसके बाद तो यह सेंटर शुुरू हो सकता है। इससे नेत्रदान के लिए लोगों को यहीं सुविधा मिल सकेगी। साथ ही काउंसिलिंग के लिए भी यहां स्टाफ लगाना है।
जिले में नेत्रदान की िस्थति
22 मार्च 2013 को देवेंद्र जैन ने प्रथम नेत्रदान किया था। इसके बाद हर साल नेत्रदान प्राप्त हो रहे हैं। झालावाड़ जिले में अभी तक भवानीमंडी में 91, बकानी 4, अकलेरा 6, चौमहला में 3, झालरापाटन 2, झालावाड़ में 8 और सुनेल एक नेत्रदान प्राप्त किया है। नेत्रदान संकल्प पत्र अभी तक 4600 प्राप्त हुए हैं।
वर्ष नेत्रदान
2014 5
2015 7
2016 5
2017 4
2018 1
2019 5
2019 30
2021 20
2022 24
2023 16
इनका कहना है... इस बारे में नेत्र विभाग से जानकारी नहीं मिली। एक तकनीशियन के ट्रांसफर के बाद सेंटर कैसे बंद हो सकता है। हम किसी और को ट्रेनिंग करवाकर जल्द ही सेंटर शुरू करवाएंगे।
डाॅ. शिवभगवान शर्मा, डीन, मेडिकल कॉलेज झालावाड़
तकनीशियन की ट्रेनिंग के लिए हमने लिखा था लेकिन कोविड के कारण उस समय ट्रेनिंग नहीं करवा सके। अभी और रिवाइंडर भेजा है। अगर यहां से ट्रेनिंग नहीं हुई तो तकनीशियन को हैदराबाद भेजेंगे। जल्द ही सेंटर शुरू करवा देंगे।
डॉ. एम.एल. गुप्ता, विभागाध्यक्ष नेत्र विभाग
काउंसिलिंग के लिए डीन साहब अगर डिमांड करेंगे तो हम आई रिट्राइवल सेंटर के लिए स्टाफ लगा देंगे। जो भी गाइड लाइन होगी उसके अनुसार पूरी मदद करेंगे।
डॉ. जी.एम. सैयद, सीएमएचओ
Published on:
18 Sept 2023 11:42 am
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