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शिक्षा की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए एसएसए और रमसा होंगे मर्ज

केन्द्र सरकार ने पैसे की बचत करने के लिए एसएसए व रमसा को एक करने की कवायद शुरू कर दी है।

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शिक्षा की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए एसएसए और रमसा होंगे मर्ज

झालावाड़. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के विलय करने की कवायद उच्चस्तर पर चल रही है।

सब कुछ सही रहा तो विलय के बाद जल्द ही दोनों कार्यालय एक ही स्थान पर नजर आएंगे। इस संबंध में हाल ही में भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव ने राज्यों के सचिवों को परिपत्र जारी कर शिक्षा की गुणवत्ता व बेहतर परिणाम के लिए समन्वय की आवश्यकता जताई है। केन्द्रीय सचिव ने राज्यों के सचिव को कहा कि एसएसए और रमसा को संयुक्त करने की कार्रवाई की जाएं।

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सही कदम बताया
वहीं इस संंबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि एसएसए व रमसा के एक होने पर शिक्षा विभाग में एक कार्य के लिए अलग-अलग कार्यालयों में नहीं जाना होगा। वैसे में भी ज्यादातर स्कूल कक्षा १ से ८वीं तक हो गए है। ऐसे में एक ही अधिकारी कक्षा १ से १२वीं तक का संपूर्ण कार्य संभाल सकता है। इससे सूचना लेने-देने में भी समय नहीं लगेगा कार्मचारियों का भी समय बचेगा। किसी को कोई परेशानी नहीं होगी।

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यह दोनों के काम-
सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) का कक्षा एक से आठवीं तक के समस्त स्कूलों का भौतिक व शैक्षिक स्तर सुधारना। सर्व शिक्षा अभियान भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसकी शुरूआत प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण को प्राप्त करने के लिए किया गया। 86 वें संविधान संशोधन के तहत 6 -14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिकार बनाया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संतोषजनक गुणवत्ता वाली प्राथमिक शिक्षा देना है।

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राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) का कक्षा 1से 12वीं तक के सभी स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और गुणवता में सुधार के लिए शुरू की गई थी। इस योजना का कार्यान्वयन 2009-10 में मानव जनशक्ति सृजित करने तथा वृद्धि और विकास तथा समानता को तेज करने, पर्याप्त स्थितियां उपलब्ध कराने के साथ-साथ भारत में सभी को गुणवत्तायुक्त जीवन देने के लिए आरंभ किया गया था। सूत्रों की माने तो दोनों के लक्ष्य में आशानुरूप प्राप्ति होने के बाद ऐसा किया जा रहा है।
वर्तमान में दोनों के अलग-अलग अधिकारी और कार्यालय है। दोनों के समाहित होने से स्कूलों मेंं विकास के लिए बेहतर समन्वय रहेगा और आर्थिक रुप से विभाग को वेतन भुगतान आदि की भी बचत होगी। भविष्य में एसएसए व रमसा का विलय हो सकता है।

फलेगशिप योजनाओं की बेहतर निगरानी-

इसका एक कारण केन्द्र सरकार की फलेगशिप योजनाओं की बेहतर निगरानी भी माना जा रहा है। अभी केन्द्र व राज्य सरकार के बजट का अनुपात केन्द्र का 65 फीसदी तथा राज्य सरकार का 35 फीसदी है।
जिल शिक्षा अधिकारी गंगाधर मीणा ने बताया कि अभी सभी स्कूल १२वीं तक हो गए है। ऐसे में सर्वशिक्षा अभियान व रमसा का विलय हो जाएगा। इसके आदेश आ गए है। एक जनवरी से बीईओ का काम अब पीपीईओ देखेंगे। सर्विस बुक आदि उनके पास ही जमा होगी।