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निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने को शिक्षा विभाग ने कसी कमर

- होगी कार्रवाई -सरकारी स्कूलों का समय बदला- जिला समान परीक्षा 13 अप्रेल से

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The Education Department has a waist to impede the arbitrariness of pr

निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने को शिक्षा विभाग ने कसी कमर

झालावाड़.माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा के अधीन संचालित स्कूलों का समय २ अप्रेल से बदल गया है। खास बात यह है कि इस बार भी शिविरा पंचांग मेें संस्था प्रधानों, शिक्षकों और छात्रों का आने का समय अलग-अलग निर्धारित किया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी शिविरा पंचांग के अनुसार सरकारी स्कूलों का संचालन होगा।


यह रहेगा स्कूलों का समय-
एक अप्रेल से 30अप्रेल तक सुबह 7.50 से दोपहर २.१० बजे तक होगा। ि दो अप्रेल से संस्थाप्रधानों को सुबह ७:५० बजे स्कूल आना होगा। वहीं शिक्षकों का आने का समय सुबह ८:०५ बजे रहेगा। जाने का समय सभी का दोपहर 2.10 बजे रखा गया है।


40 मिनट के होंगे कलांश-
शिविरा पंचाग मेें प्रार्थना सभा व योगाभ्यास के लिए 30 मिनट का समय सुबह 8.05 से 8.35 तक, पहले से छह कालांश का समय प्रति कालांश 40 मिनट रहेगा। और अंतिम दो कालांश 35 मिनट के होंगे। मध्यांतर का समय 25 मिनट का सुबह 11.15 से 11.40 बजे तक का रहेगा।


वार्षिक परीक्षाएं 13 से-
एडीओ ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि पंचांग के अनुसार स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं 13 से 25 अप्रेल तक होंगी। 14 अप्रेल को डॉ.बीआर अम्बेडकर जयंती का अवकाश होगा। 30 अप्रेल को वार्षिक परिणाम की घोषणा तथा एसडीएमसी की साधारण सभा का आयोजन और करणीय कार्यों के संबंध में प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।


42 हजार छात्र देंगे वार्षिक परीक्षाएं-
जिला समान परीक्षा प्रभारी चन्द्र शेखर गुप्ता ने बताया कि जिले में कक्षा 9 व 11 वीं की परीक्षा में करीब 42 हजार छात्र भाग लेंगे। निजी स्कूलों में पारदर्शिता पूर्ण परीक्षा करवाने के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों व व्याख्याताओं की ड्यूटी लगाई गई है। वही निजी स्कूलों के छात्रों की संख्या के अनुसार पेपर लेकर जाएंगे। पेपर को सुरक्षित अपने स्कूल में रखेंगे। परीक्षा की पूरी मॉनिटरिंग संबंधित शिक्षक व व्याख्याता की होगी।

झालावाड़. निजी स्कूलों में पुस्तकों, यूनिफॉर्म, जूते, टाई आदि के नाम पर अब निजी स्कूल संचालक वसूली नहीं कर सकेंगे। इसके स्पष्ट आदेश निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए है। आदेश में बताया कि निर्देशों की सख्ती से पालना हो और निजी शिक्षण संस्थानाओं की मनमानी नहीं हो, ऐसी व्यवस्था की जावें।


यह भी निर्देश-
- निजी विद्यालय व शिक्षण संस्थान जिस बोर्ड से संबंधित है उसी बोर्ड द्वारा संचालित पाठ्यक्रम की पुस्तकों से अध्ययन करवाना होगा।
- इसके अलावा पुस्तकों के लेखक, प्रकाश के नाम, मूल्य की सूची एक माह पूर्व विद्यालय के बोर्ड पर चस्पा की जानी होगी।
-सूची अभिभावकों द्वारा मांगने पर उपलब्ध करानी होगी ताकि अभिभावक खुले बाजार से कहीं से भी खरीद सकें।
-पुस्तकों के अलावा, जूते, टाई, कापियां आदि भी अभिभावक बाजार से क्रय करने में स्वतंत्र होंगे।
-किसी भी शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं होगा,पुस्तकें व अन्य सामग्री केलिए स्कूल संचालक अभिभावकों पर दबाव नहीं बना पाएंगे।
- स्कूल द्वारा निर्धारित की गई यूनिफार्म कम से कम ५ वर्षों तक बदली नहीं जाएंगी।
-निजी विद्यालयों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यूनिफॉर्म आदि कम से कम तीन स्थानीय विक्रेताओं के पास उपलब्ध होनी चाहिए।
यह कहना है अधिकारियों का
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से निर्देश दिए गए है। सभी स्कूल संचालकों को इनका पालन करना अनिवार्य है। कोई भी शिक्षण संस्थान अभिभावकों को जूते,पुस्तकें आदि की खरीद के लिए दबाव नहीं बनाएं।
सुरेन्द्रसिंह गौड़, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, झालावाड़।