झालावाड़. एसआरजी व जनाना अस्पताल में अब सफाई को लेकर जिम्मेदारी तय की है। यहां हर फ्लोर पर निगरानी व सुपरविजन के लिए दो से तीन नर्सिंग स्टाफ को लगाया है। साथ ही एक इंचार्ज बनाया है। यह सब मिलकर पूरी निगरानी रखेंगे और अस्पताल में जहां भी गंदगी मिलती है तो संबंधित सफाई कर्मचारी को बुलाकर तुरंत सफाई करवाएंगे। इससे यहां अब सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। सफाई नजर आने लगी है। वहीं टॉयलेट भी चमकने लगे हैं।
अस्पताल में सफाई को लेकर प्रशासन तमाम कोशिशें कर चुका लेकिन यहां परिणाम अच्छे नहीं मिल रहे थे। राजस्थान पत्रिका ने लगातार इस मुद्दे को उठाया। इस पर जिला कलक्टर आलोक रंजन ने भी कई बार दौरा किया और यहां प्रशिक्षु आईपीएस को निगरानी के लिए लगाया। इसके बाद कुछ दिन व्यवस्था ठीक रही लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात जैसी हो गई। इसके बाद राजस्थान पत्रिका ने 18 सितंबर को लचर व्यवस्था: जहां देखो नजर आ रहे कचरे के ढेर, टेंडर में नहीं दिख रही प्रशासन की रूचि शीर्षक से इस मुद्दे काे उठाया। उसके बाद जिला कलक्टर ने मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. शिव भगवान शर्मा, एसआरजी अस्पताल अधीक्षक डॉ. संजय पोरवाल, जनाना अधीक्षक डाॅ. रवींद्र मीणा को बुलाया और अस्पताल में चार दिन में सफाई व्यवस्था सुधारने का अल्टीमेटम दिया।
जिला कलक्टर ने कहा कि चार दिन में भी अधिकारी सफाई की व्यवस्था नहीं सुधार पाते हैं तो अकाउंट सेक्शन व अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सख्त कदम उठाए और सफाई कर्मचारियों व ठेकेदार बुलाकर अंतिम चेतावनी दी। जनाना अस्पताल अधीक्षक डॉ. रवींद्र मीणा ने बताया कि सफाई के लिए अस्पताल के हर फ्लोर पर तीन नर्सिंग स्टाफ और एक इंजार्च लगाया है। जो सफाई पर पूरी निगरानी रखेंगे और सुपरविजन करेंगे और प्रतिदिन रिपोर्ट भी करेंगे। अस्पताल में कहीं भी गंदगी नजर आने पर तुरंत कर्मचारी को बुलाकर सफाई करवाएंगे। इसके बाद भी अगर गंदगी मिली तो नोटिस देने व वेतन काटने की चेतावनी दी। साथ ही अटेंडेंस को लेकर भी सख्ती की गई। जो सफाई कर्मचारी अनपुिस्थत मिले तो उसका वेतन काटने को कहा। इसका परिणाम सकारात्मक मिला और अब अस्पतालों में सफाई नजर आने लगी है।
गुटखा खाने वालों पर सख्ती
डॉ. रवींद्र मीणा ने बताया कि अस्पताल में अब गुटखा खाने वालों व थूकने वालों पर सख्ती की जा रही है। इस पर पूरी निगरानी रखी जा रही है और जुर्माना लगाना भी शुरू कर दिया है। सबसे पहले जो भी स्टाफ गुटखा खाता है उससे समझाइश की। इसके बाद अस्पताल गुटखा नहीं खाने के लिए शपथ पत्र भरवाए। साथ ही सुरक्षा गार्डों को भी मुस्तैद किया है कि गुटखा खाकर थूकने वालों पर विशेष निगरानी रखें।
तो फिर ब्लैक लिस्ट करेंगे
सफाई के लिए सख्त कदम उठाएं हैं। हमने फ्लोर, वार्ड व ब़्लॉक वाइज जिम्मेदारी तय की है। हर दिन इंचार्ज से रिपोर्ट मांगते हैं और बीच-बीच में निरीक्षण भी कर रहे हैं। सफाई कर्मचारी को चेतावनी देते हुए पाबंद किया है। साथ ही ठेकेदार को अंतिम चेतावनी दी है कि अगर सफाई व्यवस्था में कोताही बरती तो ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
डॉ. शिवभगवान शर्मा, डीन, मेडिकल कॉलेज झालावाड़