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बड़े हाथ तो देखते ही देखते चमक उठी चन्द्रावती बावड़ी

– दो घंटे चला सफाई अभियान झालावाड़ शहर में सोमवार को राजस्थान पत्रिका के अमृतम-जलम अभियान के तहत पंचमुखी बालाजी के निकट प्राचीन एतिहासिक चन्द्रावती बावड़ी की सफाई की गई। बावड़ी की सफाई में कई शहरवासी व समाजिक कार्यकर्ता पहुंचे। बावड़ी में लंबे समय से छाई काय को निकाला। तो पानी साफ नजर आया। आसपास […]

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- दो घंटे चला सफाई अभियान

झालावाड़ शहर में सोमवार को राजस्थान पत्रिका के अमृतम-जलम अभियान के तहत पंचमुखी बालाजी के निकट प्राचीन एतिहासिक चन्द्रावती बावड़ी की सफाई की गई। बावड़ी की सफाई में कई शहरवासी व समाजिक कार्यकर्ता पहुंचे। बावड़ी में लंबे समय से छाई काय को निकाला। तो पानी साफ नजर आया। आसपास रहने वाले गो झाडू, तगारी-फावड़ लेकर पहुंचे और बड़ी मात्रा में कचरा व पानी पर जमी काई को निकाला। बावड़ी में पानी गहरा होने से बीच में जाने में परेशानी आ रही थी, ऐसे में नेट मंगवाकर सारे कचरे को उससे निकाला गया। वहीं महिलाओं ने पूरी बावड़ी में झाडू लगाया। उसके बाद आसपास के एरिये को पानी डालकर साफ किया।

संरक्षण की दरकार

- पास में रहने वाले राधावल्लभ नामदेव ने बताया कि ये बहुत ही प्राचीन बावड़ी है, जो पुरातत्व विभाग के अधीन आती है। इससे यहां पहले पेयजल के लिए पानी काम में लिया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे इसका उपयोग करना बंद किया तो इसकी स्थिति ऐसी हो गई। लेकिन इसकी सार संभाल समय-समय पर की जाएं तो इसकी स्थिति सुधर सकती है। यहां पूर्व में लगाई गई धौलपुरी पत्थर की टाइल्स टूट चुकी है, जगह बावड़ी के कंगुरे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसके संरक्षण की दरकार है। वहीं समाजसेवी सुनील तिवारी ने बताया कि चन्द्रावती बावड़ी ऐतिहासिक है। लेकिन पुरातत्व विभाग व जिला की देखरेख के अभाव में अपना अस्तित्व खो रही है।

इस मौके पर सुनील कुमार तिवारी, राधावल्लभ नामदेव, मनोज सुमन, विष्णु सुमन, हरीश सुमन, गायत्री बाई, कमलेश सुमन, चेतन, गोलू, लालचन्द सुमन, धनकंवर, लक्ष्मीचंद, भैरूलाल सहित कई लोगों ने बावड़ी की सफाई की।