
बच्चों के संपूर्ण विकास को रोकता है ये संक्रमण
झांसी। स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की प्राथमिकता पर “कृमि से छुटकारा- सेहतमंद भविष्य हमारा” नारे के साथ राष्ट्रीय कृमि दिवस मनाया गया। सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों, इंटर कालेजों, मदरसों, जवाहरलाल नवोदय विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों में एक से 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल (पेट में कीड़े मारने की दवा) खिलाई गई। 70 फीसदी बच्चों ने दवा खाई। अब मापअप सप्ताह में छूटे हुए बच्चों को यह दवा खिलाई जाएगी।
चार सितंबर तक यहां खिलाई जाएगी दवा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा सुशील प्रकाश ने बताया कि देश प्रदेश में कुपोषण एक गंभीर समस्या है। इसको देखते हुये भारत सरकार द्वारा एनेमिया मुक्त भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए वर्ष में दो बार कृमि नाशक दवा अभियान चलाकर खिलाई जाती है, क्योंकि खून की कमी का मुख्य कारण पेट में कीड़े होना भी है। नोडल अधिकारी डा नरेश अग्रवाल ने बताया इस साल जनपद में 5.56 लाख बच्चों को दवा खिलाये जाने का लक्ष्य है। कृमि मुक्ति दिवस पर लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक बच्चों ने दवा खाई है। अब 30 अगस्त से 4 सितंबर तक मापअप सप्ताह में छूटे हुए बच्चों को दवा खिलायी जाएगी।
बच्चों व बड़ों के लिए सुरक्षित है यह दवा
नोडल अधिकारी डा नरेश अग्रवाल ने बताया कि दवाई पूरी तरह से सुरक्षित है। इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली चूरा करके देनी है और दो से साल तक के बच्चों को एक गोली चूरा करके और तीन से 19 साल तक के बच्चे को एक गोली चबाकर खानी है।
Published on:
30 Aug 2019 06:31 am
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