आज पूरा देश भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मना रहा है। इस अवसर पर, हम उनकी पत्नी, सविता अंबेडकर, जिन्हें प्यार से 'माई' कहा जाता था, को भी याद करते हैं।
Ambedkar Jayanti 2024: डॉ. भीमराव अंबेडकर की पत्नी सविता अंबेडकर भारतीय समाज में सामाजिक न्याय और समानता के लिए एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थीं। उन्होंने डॉ. अंबेडकर के साथ मिलकर काम किया और उनके निधन के बाद भी उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने झांसी के कई दौरे किए और यहां के लोगों को जागरूक किया।
समाज सुधारक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व
डॉ. सविता, एक समाज सुधारक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व, का झांसी शहर के साथ गहरा नाता था। उन्होंने 1957, 1970 और 1990 के दशक में शहर का कई बार दौरा किया और वहां डॉ. अंबेडकर के विचारों को फैलाने, वंचित समुदायों, खासकर महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए काम करने और डॉ. अंबेडकर की स्मृति में संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शिक्षा और विवाह
सविता जी का जन्म 27 जनवरी 1909 को हुआ था। उन्होंने डॉक्टरी की डिग्री हासिल की और 1948 में डॉ. अंबेडकर से विवाह किया।
डॉ. अंबेडकर का समर्थन
सविता जी ने डॉ. अंबेडकर के सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में उनका मजबूती से समर्थन किया। 1956 में डॉ. अंबेडकर के निधन के बाद, उन्होंने अपना जीवन सामाजिक कार्यों और डॉ. अंबेडकर की विरासत को आगे बढ़ाने में समर्पित कर दिया।
सविता जी की विरासत
सविता जी एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थीं जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक न्याय और समानता के लिए समर्पित कर दिया। उनका योगदान आज भी प्रासंगिक है और हम सभी को एक बेहतर समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है।