क्राफ्ट मेला बाजार के बाद अब सीपरी के पटाखा बाजार में फूटा विरोध का बम। एसआइसी प्रबन्ध समिति ने गुपचुप किए टेंडर, कई दावेदारों के रखे रह गए आवेदन। पूरे मामले की डीएम से हुई शिकायत।
क्राफ्ट मेला मैदान पर लगने वाले पटाखा बाजार पर बना संशय अभी खत्म भी नहीं हो पाया था कि सीपरी बाजार के आतिशबाजी बाजार को लेकर विरोध शुरू हो गया है। आरोप है कि एसआइसी की भंग प्रबन्ध समिति ने नियमों को ताक पर रखकर गुपचुप तरीके से टेंडर कर दिया और अपने चहेते को बाजार लगाने की अनुमति प्रदान कर दी है। हालांकि, कॉलेज प्रबंधन इस बार 4 गुना अधिक धनराशि विद्यालय को मिलने की बात कहकर प्रक्रिया को सही साबित करने की कोशिश में जुटा है।
बोली लगाने के बाद जमा नहीं हुई रकम
क्राफ्ट मेला मैदान पर हर साल आतिशबाजी बाजार लगता है, जिसके लिए झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया की जाती है। इस बार एक ठेकेदार ने 4 लाख रुपए प्रतिदिन की ऑनलाइन बोली लगा दी और फिर पैसा जमा नहीं किया। जेडीए ने दोबारा टेंडर तो मांग लिए, लेकिन समय का अभाव होने के कारण अब क्राफ्ट मेला मैदान पर पटाखा बाजार को लेकर संशय की स्थिति बन गई है। अब सीपरी बाजार के पटाखा बाजार को लेकर भी विरोध शुरू हो गया है।
जिलाधिकारी से हुई शिकायत
नरेन्द्र सिंह व राहुल तिवारी ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर टेण्डर प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि एसआइसी प्रबंधन द्वारा टेंडर की सूचना सार्वजनिक नहीं की, जिससे कुछ चुनिंदा लोग ही रेट डाल सके। कई लोगों के आवेदन थाने में उपलब्ध कराए गए, लेकिन उन्हें भी शामिल नहीं किया गया। उन्होंने निष्पक्ष तरीके से टेंडर कराने की मांग की। सवा लाख रुपए से अधिक आए रेट
30 हजार में हुई थी नीलामी
एसआइसी के प्रधानाचार्य बलभद्र सिंह ने बताया कि पिछले साल की पटाखा बाजार की नीलामी 30 हजार रुपए में की गई थी, जबकि इस बार प्रबंधन कमेटी ने निविदा प्रक्रिया की। 3 लोगों ने टेंडर डाले, जिससे रेट 1.35 लाख रुपए पर पहुंच गए हैं। इससे स्कूल प्रबंधन को काफी लाभ हुआ है।