Jhansi News : झांसी की मऊरानीपुर तहसील से बहने वाली सुखनई नदी का पुल बह गया है। 11 साल पहले बना पुल पानी का बहाव नहीं सह सका। अब यूपी-एमपी के कई गांवों का आपस में संपर्क टूट गया है।
Jhansi News : झांसी में भ्रष्टाचार का प्रमाण बन गया सुखनई नदी का पुल। 11 साल पहले इसका निर्माण हुआ था। इतने कम समय में पानी की धार में बह गया। इस पुल के बह जाने के बाद यूपी-एमपी के कई गांव का संपर्क आपस में टूट गया है। पुल के ढहने से पठगुवां समेत यूपी-एमपी के कई गांवों के लोगों के लिए अब आवागमन के लिए रास्ता नहीं बचा है। पठगुवां से रानीपुर- मऊरानीपुर को जोड़ने वाले सुखनई नदी पर लगभग 1 करोड़ रुपये की लागत से पुल बनाया गया था। साल 2010 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था और 2 साल बाद वर्ष 2012 में पुल बनकर तैयार हुआ था। जरा-सी बारिश में ही पुल बहने से अब ग्रामीण भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा रहे हैं।
जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे ग्रामीण
मानसून की पहली मूसलाधार बारिश से सुखनई नदी पर बना पटगुवां का पुल ढहा तो गांव पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गया था। ग्रामीण अपने घरों में फंस गये थे। लोगों का कहना है कि पठगुवां से सीधे रानीपुर मुख्य मार्ग पर पहुंचने के लिये यह पुल था। पुल के टूटने से लोगों का सड़क मार्ग से सम्पर्क पूरी तरह से टूट गया। लोगों ने बताया कि पठगुवों की आबादी लगभग 5,800 है। इस समय नदी में पानी कम होने से लोग जान जोखिम में डालकर नदी को पार कर दूसरी ओर जा रहे हैं, लेकिन जब बारिश होगी तो फिर से नदी का जलस्तर बढ़ जायेगा, ऐसे में यहां के लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
रोजमर्रा के काम हो गए प्रभावित
रानीपुर जाने के लिये नहीं है कोई मुख्य मार्ग पठगुवां के ग्रामीण अधिकतर रानीपुर जाकर अपने रोजमर्रा के काम करते हैं और जरुरत के सामान को लेकर आते हैं, लेकिन लगभग 1 महीने पहले पुल के टूटने से लोग गांव में कैद होकर रह गये हैं। लोगों ने बताया कि रानीपुर जाने के लिये कोई भी मुख्य मार्ग नहीं है। वह लोग अभी किसी तरह खेतों से निकल रहे हैं, लेकिन जब खेतों में बुआई हो जायेगी तो वह लोग पूरी तरह से गांव में ही फंसकर रह जाएंगे। दूसरा रास्ता है, जो 30 किलोमीटर लम्बा है।
ठहर गई बच्चों की पढ़ाई
पुल के ढह जाने से सबसे अधिक परेशान वह बच्चे हैं, जो पुल को पार कर दूसरी ओर स्थित विद्यालय में पढ़ने जाते थे। पुल गिरने के बाद से ही बच्चे घरों पर हैं। बच्चों के माता-पिता भी चिंतित हैं कि न जाने कब पुल का निर्माण होगा और बच्चों की पढ़ाई सुचारू होगी।
मरीज हो रहे बेहाल
पुल के गिरने से सबसे अधिक परेशानी बीमारी लोगों के साथ हो रही है। अभी तक पुल पार कर लोग रानीपुर पहुंचकर इलाज करा रहे थे, लेकिन जब से पुल टूटा है तब से बीमार लोगों को 30 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर रानीपुर पहुंचना पड़ रहा है, इससे मरीज को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
इन गांवों का जीवन हो गया प्रभावित
पठगुवां का पुल ढहने से जनपद झांसी के बम्होरी, सुहागी, कगर, भटा, नगाईच, कचनेव, पठगुवां, जबकि मप्र के नुना, महेवा, तगेडी, स्यावनी, पैरा- खैरा, दरियापुर आदि गांव के लोग प्रभावित हो गये हैं। यूपी-एमपी के इन गांवों का सम्पर्क पूरी तरह से टूट गया है। लोगों का आवागमन ठप पड़ा है।