script2 बजे तक आंगनबाड़ी केंद्र फिर बरामदे में चलता संस्कृत स्कूल | Anganwadi center till 2 PM and then Sanskrit school runs in the verandah | Patrika News
झुंझुनू

2 बजे तक आंगनबाड़ी केंद्र फिर बरामदे में चलता संस्कृत स्कूल

Jhunjhunu News: दो बजे आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के बाद संस्कृत स्कूल के बच्चों को बाहर खुले में बैठकर ही पढ़ना पड़ रहा है।

झुंझुनूFeb 15, 2025 / 08:30 am

Alfiya Khan

PATRIKA

DEMO IMAGE

सुरेंद्र डैला
चिड़ावा (झुंझुनूं)। प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के क्या हाल है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई संस्कृत स्कूलों के पास खुद के भवन नहीं। इससे बच्चों को अस्थायी और कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त करनी पड़ रही है।
कहीं किराए के कमरे में तो कहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में बैठकर अध्ययन हो रहा है। हालत यह है कि दो बजे आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के बाद संस्कृत स्कूल के बच्चों को बाहर खुले में बैठकर ही पढ़ना पड़ रहा है।

बरामदे में बैठकर करते हैं पढ़ाई

झुंझुनूं जिले के चिड़ावा क्षेत्र की धत्तरवाला ग्राम पंचायत की झीलों की ढाणी में संस्कृत स्कूल के पास खुद का भवन नहीं। इस कारण 2 बजे तक तो बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र के कमरे में और इसके बाद कमरे से बाहर बरामदे में बिठाकर पढ़ाई करवाई जाती है।

हर पंचायत में खाली भवन

सीकर, झुंझुनूं और चूरू में जहां-जहां भूमि-भवन विहिन स्कूलें संचालित हो रही हैं, उस पंचायत में कुछ स्कूलों को मर्ज कर दिया है। ऐसे में स्कूलों के भवन खाली पड़े हैं। जो कि संस्कृत स्कूलों को आवंटित किए जा सकते हैं। जानकारों का कहना है कि संस्कृत स्कूलों को खुद का भवन और भूमि नहीं होने के कारण बजट आवंटन में भी दिक्कत हो रही है।

शेखावाटी में 35 ऐसे स्कूल संचालित

चूरू मंडल के सीकर, झुंझुनूं और चूरू में करीब 35 संस्कृत विद्यालय ऐसे संचालित हो रहे हैं, जिनके पास लंबे समय बाद भी खुद की भूमि और भवन नहीं है। चूरू मंडल में सबसे ज्यादा सीकर में 16, झुंझुनूं में 14 और चूरू में पांच संस्कृत स्कूलों के पास खुद की भूमि-भवन नहीं है।

बच्चों की पढ़ाई हो रही बाधित

मंडल की विभिन्न स्कूलों के पास भूमि और भवन नहीं होने से पढ़ाई बाधित होती है। सरकार को सकारात्मक कदम उठाते हुए भूमि-भवन विहिन स्कूलों को भूमि आवंटित कर राहत देनी चाहिए।
राजेंद्र झाझड़िया, ब्लॉक अध्यक्ष, राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघ, चिड़ावा

स्कूलों के पास खुद के संसाधन होंगे

मंडल की शत प्रतिशत स्कूलों में भूमि-भवन आवंटन के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही भूमि-भवन विहिन स्कूलों के पास खुद के संसाधन होंगे।
किशनलाल उपाध्याय, संभागीय शिक्षा अधिकारी, संस्कृत शिक्षा संभाग, चूरू

Hindi News / Jhunjhunu / 2 बजे तक आंगनबाड़ी केंद्र फिर बरामदे में चलता संस्कृत स्कूल

ट्रेंडिंग वीडियो