25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आस्ट्रेलिया में हिंदी का मान बढ़ा रही राजस्थान की दर्शना शर्मा

दर्शना ने बताया कि पर्थ में सरकारी नौकरी करने से पहले एक योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ती है। वह परीक्षा भी उसने उत्तीर्ण कर ली है। पर्थ के सरकारी स्कूलों में इसी वर्ष से वहां की सरकार ने हिंदी को एच्छिक विषय घोषित कर दिया है।

less than 1 minute read
Google source verification
आस्ट्रेलिया में हिंदी का मान बढ़ा रही राजस्थान की दर्शना शर्मा

दर्शना शर्मा

सात समंदर पार भी जिले की एक बेटी का हिंदी प्रेम कम नहीं हुआ। वह ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में बच्चों को हिंदी पढ़ा रही है। इसके अलावा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी हिंदी का महत्व बता रही है। मूल रूप से झुंझुनूं जिले के बडागांव की रहने वाली दर्शना ने बताया कि पर्थ में हिंदी समाज पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की ओर से हिंदी पाठशाला का संचालन किया जाता है। दर्शना इसी पाठशाला से जुड़ी हुई है। इस पाठशाला में हर रविवार को दो घंटे बच्चों को हिंदी पढाई जाती है। यहां अधिकतर वे ही बच्चे पढने आते हैं जो भारतीय हैं, इसके अलावा आस्ट्रेलिया के कुछ बालक भी हिंदी सीखने यहां आते हैं। दर्शना ने बताया कि पर्थ में सरकारी नौकरी करने से पहले एक योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ती है। वह परीक्षा भी उसने उत्तीर्ण कर ली है। पर्थ के सरकारी स्कूलों में इसी वर्ष से वहां की सरकार ने हिंदी को एच्छिक विषय घोषित कर दिया है। ऐसे में अब हिंदी को पहले से ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। दर्शना के दादा श्रीराम शर्मा भी शिक्षक रहे हैं।

शादी के बाद गई पर्थ


दर्शना की पढाई झुंझुनूं, पिलानी सहित कई जगह सरकारी व निजी स्कूलों में हुई। पापा देवकी नंदन शर्मा बैंक में अधिकारी थे, उनका जगह-जगह तबादला होता रहता था। झुंझुनूं से बीए व बीकानेर के राजकीय महाविद्यायल से हिंदी में स्नातकोत्तर की डिग्री ली। इसके बाद नागौर के मौलासर निवासी प्रमोद शर्मा से शादी हो गई। इंजीनियर प्रमोद की नौकरी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में लग गई। उनके साथ दर्शना भी पर्थ चली गईं।