25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हिमाचल प्रदेश के 9000 सरकारी शिक्षकों की नौकरी खतरे में, जल्द करें ये कोर्स

हिमाचल प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 9000 शिक्षक बिना पात्रता के पढ़ा रहे हैं

2 min read
Google source verification

image

Anil Kumar

May 07, 2018

Himachal Pradesh JBT Exam

हिमाचल के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले 9000 हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक चुकी है। खबर है कि इन सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले करीब 9000 हजार शिक्षा बिना पात्रता के ही बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। इन शिक्षकों ने न तो जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (जेबीटी) कर रखी है और न ही उनके पास पात्रता के लिए अन्य कोई जरूरी डिग्री मौजूद है। विभिन्न श्रेणी के इन शिक्षकों को सरकार द्वारा ही नियुक्त दी गई है। लेकिन अब एक आरटीई की शर्तों की वजह से इनकी नौकरी पर तलवार लटकने की नौबत आ चुकी है। हालांकि इन शिक्षकों के पास अपनी नौकरी बचाने का तरीका ये है वो राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) में डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजूकेशन (डीएलएड) के लिए आवेदन कर उसकी परीक्षा पास करें।


पात्रता हासिल के लिए 2 साल का समय
हिमाचल में करीब 10700 सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं जिनमें 26 हजार शिक्षा पढ़ा रहे हैं। केंद्र सरकार ने कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति के जेबीटी या डीएलएड का कोर्स अनिवार्य कर रखा है। लेकिन इनमें से करीब 9 हजार शिक्षक ऐसे भी हैं जो केंद्र सरकार के इन मानदंडों पर खरे नहीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनके पास ऐसी कोई डिग्री या पात्रता नहीं है जो इस मानदंड के अनुसार है। ऐसे में नौकरी को बचाने के लिए इन अध्यापकों के पास डीएलएड करने का ही विकल्प है और कई अध्यापक इसमें प्रवेश भी ले चुके हैं।


9000 शिक्षकों ने किया आवेदन
इस बात की पोल तब खुली जब एनआईओएस क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला में करीब 9 हजार अध्यापकों ने डीएलएड के लिए आवेदन किया। इनमें से करीब साढ़े 6 हजार शिक्षक फीस भी जमा करा चुके है। इन अध्यापकों को अपनी पात्रता पूरी करने के लिए 2 साल का समय दिया गया है। अब ये अध्यापक एनआईओएस से 20 माह में डीएलएड कर सकते हैं। लेकिन समय रहते ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों को अपात्र घोषित करते हुए निकाला जा सकता है।