10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG High Court ने 39 परीक्षार्थियों को CGPSC Mains Examination में बैठने की मंजूरी दी

उच्च न्यायालय में जस्टिस पी सैम कोशी की एकल पीठ ने सभी 39 परीक्षार्थियों को शुक्रवार 22 जून को होने वाली पीएससी की मैन एग्जाम में बैठने की अनुमति दे दी

2 min read
Google source verification

image

Kamal Singh Rajpoot

Jun 22, 2018

cgpsc

CG High Court ने 39 परीक्षार्थियों को CGPSC Mains Examination में बैठने की मंजूरी दी

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सिंगल पीठ ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2017 के प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए 39 परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की मंजूरी प्रदान कर दी। हालांकि इन परीक्षार्थियों का परिणाम और पीएससी की नियुक्तियां, न्यायालय के अंतिम आदेश से बाधित रहेंगी। इस बारे में याचिकाकर्ताओं के वकील मतीन सिद्दीकी ने गुरुवार को बताया कि आलेख निषाद, विनय अग्रवाल और अमित विश्वास सहित अन्य परीक्षार्थियों ने पीएससी प्रारंभिक परीक्षा के मॉडल आंसर के 13 सवाल और जवाबों को चुनौती दी थी।

सिद्दीकी का कहना है कि हाई कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में सवाल-जवाब की जांच करने के लिए दूसरी विशेषज्ञ समिति बनाई थी। लेकिन समिति ने सवाल-जवाब में कोई बदलाव नहीं करते हुए पहले के मॉडल आंसर को यथावत रखा, जिसकी वजह से परिणाम में भी कोई बदलाव नहीं हुआ। उच्च न्यायालय में जस्टिस पी सैम कोशी की एकल पीठ ने सभी 39 परीक्षार्थियों को शुक्रवार 22 जून को होने वाली पीएससी की मैन एग्जाम में बैठने की अनुमति दे दी, साथ ही ये भी कहा कि इनका रिजल्ट और पीएससी की नियुक्तियां उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले से बाधित रहेंगी।

आपको बता दें इस साल 18 फरवरी को छत्तीसगढ़ पीएससी के द्वारा 299 पदों के लिए प्री भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। एग्जाम के चार दिन बाद यानि 22 फरवरी 2018 को आयोग की ओर मॉडल आंसर की जारी कर दी गई। इसके साथ आयोग ने इन उत्तरों को लेकर दावा- आपत्ति भी मांगी। इसके बाद 7 अप्रैल 2018 को संशोधित मॉडल आंसर की जारी की गई तथा बाद प्री परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है।

इस दौरान इस रिजल्ट से असंतुष्ट याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर करते हुए कहा कि पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के बाद जारी की पहली माडल आंसर की और संशोधित आंसर की में फर्क है। संशोधित आंसर की में सामान्य ज्ञान के 6 प्रश्न और ऐप्टिट्यूड टेस्ट के 5 प्रश्नों के उत्तर अलग है या हटा दिए गए हैं। कोर्ट के समक्ष परीक्षार्थियों का कहना था कि यदि प्री परीक्षा का परिणाम पहले वाले 'मॉडल आंसर की' के अनुसार निकाला जाता है तो वे लोग मुख्य परीक्षा के लिए योग्य हो जाते है।

परीक्षार्थियों की दलील सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने पिछले मई माह में पीएससी को यह निर्देश दिया था कि इस मामले में विशेषज्ञों की टीम गठित कर 'मॉडल आंसर की' की दोबारा जांच कर प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम घोषित किया जाए। आखिरकार हाई कोर्ट ने परीक्षार्थियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इन्हें मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी।