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इस यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को दी जाएगी जबरन सेवानिवृत्ति

Retirement : उत्तर प्रदेश सरकार के अक्षम और अर्कमण्य कर्मचारियों (inefficient employees) को जबरन सेवानिवृत्ति (Forcible Retirement) देने की प्रक्रिया अब राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में लागू होने जा रही है। विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ऐसे कर्मचारियों (Employees) को चिह्नित कर उन्हें बाहर करने की पूरी तैयारी कर चुका है।

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Forcible Retirement

Forced Retirement

Retirement : उत्तर प्रदेश सरकार के अक्षम और अर्कमण्य कर्मचारियों (inefficient employees) को जबरन सेवानिवृत्ति (Forcible Retirement) देने की प्रक्रिया अब राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में लागू होने जा रही है। विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ऐसे कर्मचारियों (Employees) को चिह्नित कर उन्हें बाहर करने की पूरी तैयारी कर चुका है। करीब दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों की सूची तैयार कर शासन के समक्ष भेजने की तैयारी की जा रही है। मुहर लगते ही ऐसे कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से विवि से निकाल दिया जाएगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में करीब दो हजार कर्मचारी हैं। इसमें अक्षमता और कामचोरी के कारण कई विभागों के कर्मचारियों में काम प्रभावित होता है और अनेक विभागों में कर्मचारियों की संख्या जरूरत से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की एक बड़ी संख्या है, जिनके वेतन भुगतान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को बड़ी रकम की जरूरत पड़ती है। इस बात का ख्याल रखते हुए लविवि प्रशासन ने ऐसे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की ठानी है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा, जबरन सेवानिवृत्ति की बात सिर्फ हो रही है। अभी तक कुछ सामने तो आया नहीं है कि कौन सूची बना रहा है, किसकी सूची बन रही है। जबरन सेवानिवृत्ति से पहले हमसे भी पूछा जाएगा। अगर गोपनीय तरीके से किसी कर्मचारी से अन्याय हुआ तो आंदोलन का रास्ता खुला ही है।

विवि के अधिकारियों का कहना है कि अभी फिलहाल 50 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित किया गया है, जो विश्वविद्यालय के कार्य में सहयोग नहीं कर रहे हैं या फिर सक्षम नहीं हैं। इनके अलावा दूसरा व्यापार करने वाले कर्मचारियों को भी छोड़ा नहीं जाएगा। विवि के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) एस.के. शुक्ला ने बताया, सरकार का नियम है। उसका पालन सभी को करना है। ऐसे में हमने उन कर्मचारियों की सूची तैयार करवाई है। जो विश्वविद्यालय को सेवा देने में सक्षम नहीं हैं।