scriptसरकार के इस कदम से बढ़ेंगे रोजगार, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर | Government to promote domestic manufacturing in paper industry | Patrika News
जॉब्स

सरकार के इस कदम से बढ़ेंगे रोजगार, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि कागज उद्योग देश के महत्वपूर्ण उद्योगों में शुमार है और इस क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

जयपुरJan 12, 2019 / 03:30 pm

जमील खान

Paper Industry

Paper Industry

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि कागज उद्योग देश के महत्वपूर्ण उद्योगों में शुमार है और इस क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के साथ व्यापार समझौतों में भी यह ध्यान रखा जाएगा कि घरेलू उद्योगों के हित प्रभावित न हों। सुरेश प्रभु इंडियन पेपर मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) के 19वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

प्रभु ने कहा, सरकार घरेलू स्तर पर कागज विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। किसी अन्य देश से मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने से पहले इस उद्योग से जुड़े लोगों से विमर्श किया जाएगा। घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना हमारी व्यापार नीति के प्राथमिक लक्ष्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खुद कागज उद्योग के बड़े ग्राहकों में शुमार है। इसलिए वह इस उद्योग की मुश्किलों को समझती है। कागज विनिर्माण को बढ़ावा देने से कागज उद्योग को फायदा होगा जिससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

आईपीएमए के प्रेसीडेंट सौरभ बांगड़ ने बताया कि कागज उपभोग के मामले में भारत सबसे तेजी से उभरता बाजार है। उन्होंने कहा, पिछले 10 साल में यहां कागज की खपत करीब दोगुनी हो गई है। 2007-08 में कागज की खपत 90 लाख टन थी, जो 2017-18 में बढ़कर 1.7 करोड़ टन पहुंच गई। 2019-20 तक खपत दो करोड़ टन होने का अनुमान है। आईपीएमए के मुताबिक भारतीय कागज उद्योग महंगे कच्चे माल और अपेक्षाकृत सस्ते आयात के कारण मुश्किल में है।

जेके पेपर लिमिटेड के वाइस चेयरमैन और एमडी हर्षपति सिंहानिया ने कहा कि कागज खपत का वैश्विक औसत 57 किलोग्राम प्रति व्यक्ति है। विकसित देशों में यह औसत 200 किलोग्राम तक है। वहीं भारत में औसत खपत 13 से 14 किलो सालाना है। ऐसे में भारत में इस उद्योग के विस्तार की अपार क्षमता है।

आईपीएमए के नव निर्वाचित प्रेसीडेंट ए.एस. मेहता ने कहा, हमने इस भ्रम को भी तोड़ा है कि कागज निर्माण में पेड़ों का इस्तेमाल होता है। यहां कागज उद्योग वन आधारित नहीं, बल्कि कृषि आधारित है। किसानों द्वारा खेतों में उगाए गए विशेष पेड़ों से कागज उद्योग के लिए कच्चा माल मिलता है। उद्योग की जरूरत के लिए करीब नौ लाख हेक्टेयर में वनीकरण किया गया है। उद्योग की जरूरत का 90 फीसद कच्चा माल उद्योग प्रायोजित वनीकरण से मिल जाता है। इससे करीब पांच लाख किसानों को रोजगार मिला है। आईपीएमए ने बढ़ते आयात पर भी चिंता जताई।

Home / Education News / Jobs / सरकार के इस कदम से बढ़ेंगे रोजगार, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो