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बेरोजगार युवाओं के समर्थन में सरकार का फैसला, नहीं देना होगा मैजिस्ट्रेट से सत्यापित हल्फनामा बयान

आयोग ने एक पत्र जारी करके कहा है कि अब आवेदनकर्ता सत्यापित पत्र क्षेत्र के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से अनुप्रमाणित करवाने की जगह स्वयं घोषणा के माध्यम से दे सकते हैं।

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हरियाणा सरकार ने बुधवार को एक अहम फैसला लेते हुए सरकारी नौकरी के आवेदनकर्ताओं को सत्यापित हलफिया बयान देने के मामले में छूट प्रदान कर दी है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। इस फैसले से पुलिस, ग्राम सचिव तथा पटवारी समेत अन्य कई भर्तियों के लिए आवेदन करने वालों को राहत मिलेगी।
आयोग ने एक पत्र जारी करके कहा है कि अब आवेदनकर्ता सत्यापित पत्र क्षेत्र के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से अनुप्रमाणित करवाने की जगह स्वयं घोषणा के माध्यम से दे सकते हैं। वास्तव में मामला पांच अंकों की मारामारी का है। आयोग ने उन आवेदकों को पांच अंक देने है, जिनके परिवार के लोग पहले कभी सरकारी नौकरी में नहीं रहे। परंतु यह अंक तभी मिलने थे अगर प्रार्थी आवदेन के साथ कार्यकारी मैजिस्ट्रेट से प्रमाणित सत्यापित पत्र संलग्न करेगा।

हरियाणा में इन दिनों पुलिस, ग्राम सचिव तथा पटवारी आदि की भर्तियों की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा हजारों की संख्या में रिकत पद भरने की प्रक्रिया भी चल रही है। चुनावों से पहले -पहले सरकार करीब 25,000 लोगों को भर्ती करने की तैयारी में है। इन भर्तियों में भाग लेने वाले आवेदनकों के लिए संकट यह बन रहा था कि वह नौकरियों की तैयारी करे अथवा सत्यापित पत्र तैयार करवाए। बेरोजगार युवकों के लिए सत्यापित पत्र बनाना टेढ़ी खीर बन रहा था। सत्यापित पत्र बनवाने के लिए आवेदनकर्ताओं की दौड़ तहसील कार्यालयों की तरफ लगी हुई थी।

राज्य भर में आवेदनकर्ताओं की संख्या हजारों में बनी हुई है। इस पत्र को बनवाने लिए फतेहाबाद में तो परेशान युवकों ने अव्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी भी की क्योंकि पुलिस में आवदेन के लिए मात्र आठ दिन शेष है। उल्लेखनीय है कि सत्यापित पत्र के आवेदक को पांच अंक अतिरक्त मिलते है, जिनके परिवार में से पहले कोई भी नौकरी में नहीं रहा। तहसील में बनने वाले सत्यापित पत्र के लिए एक गवाह, जो नंबरदार, सरपंच इत्यादि भी हो सकता है,की भी जरूरत
होती है और चंद अन्य शर्तें भी थी। आखिरकार सरकार ने इस परेशानी को दूर करने के लिए आयोग से संपर्क किया और उसके बाद नियमों में परिवर्तन किया गया है। अब आवेदकों द्वारा सेल्फ डिकलेरेशन दी जाएगी। जिसे आयोग द्वारा स्वीकार किया जाएगा।