10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वेतन के मामले में पुरूषों के बराबर आने में महिलाओं को लगेंगे इतने साल

महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन हासिल करने में 202 साल लग सकते हैं, क्योंकि वैश्विक वेतन का अंतर बहुत बड़ा है और परिवर्तन की गति बेहद धीमी है।

less than 1 minute read
Google source verification
Pay Gap

Pay

महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन हासिल करने में 202 साल लग सकते हैं, क्योंकि वैश्विक वेतन का अंतर बहुत बड़ा है और परिवर्तन की गति बेहद धीमी है। यह बात विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की रपट में कही गई है। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक रपट में पाया गया है कि महिलाएं पुरुषों की औसत कमाई का 63 प्रतिशत ही कमाती हैं। 149 में से एक भी देश का आकलन ऐसा नहीं है, जहां महिलाओं ने औसतन पुरुषों के बराबर वेतन हासिल किया हो।

डब्ल्यूईएफ के मुताबिक, पिछले साल के दौरान वैश्विक तौर पर वेतन में लैगिंक असमानता का अंतर थोड़ा कम हो गया है, लेकिन कार्यस्थलों पर महिलाओं की संख्या में कमी आई है। 2017 में डब्ल्यूईएफ ने अनुमान लगाया था कि वेतन अंतर को खत्म करने में 217 साल लगेंगे। डब्ल्यूईएफ में सामाजिक और आर्थिक एजेंडे की प्रमुख सादिया जहीदी ने 'द गार्जियन' को मंगलवार को बताया, समग्र तस्वीर यह है कि लैगिंक समानता रुक गई है। हमारे श्रम बाजार का भविष्य उतना समान नहीं हो सकता, जितना हमने एक समय सोचा था।

रपट के मुताबिक, दक्षिण पूर्व एशिया में लाओस महिलाओं के साथ समान व्यवहार करने के सबसे नजदीक है, जहां महिलाएं पुरुषों के वेतन का 91 प्रतिशत कमाती हैं। वहीं, यमन, सीरिया और इराक में महिलाओं व पुरुषों के वेतन में सर्वाधिक अंतर देखा गया, जहां महिलाएं पुरुषों के वेतन का 30 प्रतिशत ही कमाती हैं। डब्ल्यूईएफ की 50 देशों की सूची में ब्रिटेन 149वें स्थान पर है, जहां की महिलाएं पुरुषों के वेतन का 70 प्रतिशत कमाती हैं।आइसलैंड राजनीतिक भूमिकाओं के मामले में सबसे समतावादी देश है, लेकिन अभी भी यहां महिला व पुरुष के वेतन में 33 प्रतिशत अंतर है, जो पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा है।