
Jharkhand, JPSC Result 2021: झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने जेपीएससी की छठी मेरिट लिस्ट ( JPSC Merit List ) को रद्द कर दिया है। साथ ही 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध करार दिया है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में फ्रेस मेरिट लिस्ट निकालने का आदेश दिया है। इसके साथ ही लापरवाही बरतने वाले जेपीएससी के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया हैं। इस मामले में 11 फरवरी 2021 को अदालत ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने जेपीएससी द्वारा आयोजित छठी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है।
दरअसल, सुमित कुमार ने जेपीएससी के न्यूनतम अंक के बिंदु पर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उक्त मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जेपीएससी ( JPSC) के रिजल्ट को निरस्त कर दिया है और फिर से जेपीएससी को रिजल्ट निकालने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि 8 सप्ताह के अंदर फिर से रिजल्ट निकाल कर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाए। इस मामले में दर्जनों याचिकाएं हैं जो अन्य बिंदु को लेकर उठाई गई थी। उन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया गया है।
3 फरवरी से जारी थी सुनवाई
सुमित कुमार के अलाव 16 विभिन्न याचिकाओं पर अदालत द्वारा 3 फरवरी से लगातार सुनवाई की जा रही थी। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पक्ष रखा था। उन्होंने प्रार्थियों की दलील का विरोध करते हुए अदालत को बताया था कि जेपीएससी ने विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप छठी सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था। इस रिजल्ट के आधार पर 326 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया। रिजल्ट प्रकाशित करने के बाद नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजी गई थी। इस मसले पर झारखंड हाईकोर्ट ( Jharkhand High Cout ) में सुनवाई के दौरान प्रार्थियों का कहना था कि छठी जेपीएससी के रिजल्ट में काफी गड़बड़ियां हैं। क्वालिफाइंग पेपर का अंक जोड़कर जेपीएससी ने फाइनल रिजल्ट जारी किया था जो हर नजरिए से गलत है। रिजल्ट तैयार करने में भी कई गड़बड़ियां सामने आई हैं।
Published on:
07 Jun 2021 03:04 pm
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