12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बस्तर का लाइवलीहुड कॉलेज ब्रेल लिपि में भी देगा प्रशिक्षण

छत्तीसगढ़ का घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जहां के बच्चे स्कूल तो दूर शिक्षा के मायने से बहुत परे थे, वहां आज लाइवलीहुड कॉलेज खुल जाने से......

2 min read
Google source verification

image

Jameel Ahmed Khan

May 30, 2018

Braille Script

Braille Script

छत्तीसगढ़ का घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जहां के बच्चे स्कूल तो दूर शिक्षा के मायने से बहुत परे थे, वहां आज लाइवलीहुड कॉलेज खुल जाने से नई उम्मीद की किरण दिख रही है। खास बात यह कि यह कॉलेज दृष्टिबाधित और मूक-बधिर युवाओं को ब्रेल लिपि में भी प्रशिक्षण देगा। जगदलपुर के आड़ावाल में संचालित लाइवलीहुड कॉलेज आज युवा पीढ़ी को दक्ष बनाकर आजीविका के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का कार्य सफलतापूर्वक कर रहा है। यहां दिए जा रहे प्रशिक्षण में सिलाई, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप व इलेक्ट्रॉनिक्स मोबाइल रिपेयरिंग से जुड़े कार्यों के अलावा जेसीबी और ई.रिक्शा चलाने में भी दक्षता प्रदान की जा रही है।

महाविद्यालयीन सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ कि दृष्टिबाधित और मूक-बधिर युवाओं को भी प्रशिक्षण देने और जरूरत पडऩे पर ब्रेल लिपि में उन्हें प्रशिक्षित करने की एक विशेष योजना अंतिम रूप दिया जा रहा है। सौर ऊर्जा से संबंधित कार्यक्रमों का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। एक विशेषता जो यहां देखने में आई, वह यह थी कि यहां प्रशिक्षण देने वाले शिक्षक युवाओं के प्रति सहृदय हैं और सहयोगात्मक रूप से उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं।

सुदूर अंचल से युवाओं के लिए यहां की छात्रावास व्यवस्था अपने आप में अत्यधिक महत्वपूर्ण रखता है। यह महाविद्यालय प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की धारणाओं के अनुरूप युवाओं को विभिन्न कार्यों में दक्षता प्रदान कर रहा है। इस संस्थान ने प्रशिक्षणार्थियों के कई बैच प्रशिक्षित किए हैं। इसके अलावा यहां से प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण और सब्सिडी इत्यादि दिलाए जाने की दिशा में भी सक्रियतापूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन यह संस्था कर रही है।

यहां बस्तर संभाग के सभी सातों जिले के युवा लगातार प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें नक्सल प्रभावित जिलों के युवा भी शामिल हैं। इस संस्थान में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि प्रशिक्षण प्राप्ति के बाद युवा अपना भविष्य स्वयं गढ़ सकें। शिक्षकों का यह गुण अपने आप में अत्यंत महत्व रखता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को अब तक अपने भविष्य की चिंता बनी हुई थी, उन्हें इस महाविद्यालय ने उम्मीद की नई किरण दी है।

यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे नक्सल क्षेत्र से आए युवाओं ने चर्चा के दौरान बताया कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनमें यह उम्मीद जागी है। वे भविष्य में अपने परिश्रम से अपनी आजीविका उपार्जित करने में सफल होंगे।

महाविद्यालय के प्राचार्य शरदचेद्र गौड़ ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए बाहर से आए विद्यार्थियों के लिए छात्रावास की व्यवस्था सुलभ कराना उनकी प्राथमिकता रही है, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चे भी यहां आकर प्रशिक्षण प्राप्त करने से न हिचकें। कलेक्टर धनंजय देवांगन ने कहा कि महाविद्यालय में संचालित विभिन्न विधाओं के कार्यक्रम प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के साथ ही मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अनुरूप संचालित किए जा रहे हैं। यहां से प्रशिक्षित चार हजार से ज्यादा छात्र आत्मनिर्भर हो चुके हैं।