
लैब टेक्निशियन, टेक्निकल सुपरवाइजर और अन्य के पदों पर भर्ती, करें आवेदन
lab technician recruitment 2018 , NHM, पूरबा बर्धमान ने लैब टेक्निशियन, टेक्निकल सुपरवाइजर और अन्य के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व याेग्य उम्मीदवार इन पदों के लिए निर्धारित प्रारूप के तहत 30 जून 2018 तक या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं।आवेदन आैर अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए गए अधिसूचना विवरण लिंक पर क्लिक करें।
NHM, पूरबा बर्धमान में रिक्त पदाें का विवरणः
लैब टेक्निशियन (बीबी) -3 पद
लैब टेक्निशियन (बीसीएसयू) -2 पद
कॉम्पोनेन्ट लैब टेक्निशियन -1 पद
टेक्निकल सुपरवाइजर (बीबी) -1 पद
टेक्निकल सुपरवाइजर (बीसीएसयू) -1 पद
NHM, पूरबा बर्धमान में योग्यता मानदंड, शैक्षणिक / तकनीकी योग्यता और अनुभव:
लैब टेक्निशियन / कॉम्पोनेन्ट लैब टेक्निशियन : 10 + 2 के साथ पीसीएम / बायोलॉजिकल साइंस और डीएमएलटी या बीएमएलटी।
टेक्निकल सुपरवाइजर (बीसीएसयू): 10 + 2 के साथ पीसीएम / बायोलॉजिकल साइंस और डीएमएलटी या बीएमएलटी या एमएलटी /पीजीडीएमएलटी में एम.एस.सी।
आवेदन कैसे करें:
आवेदनों को 'ऑफिस ऑफ़ द सीएमओएच, खोस्बगान, पूरबा बर्धमान' के पते पर पहुँच जाना चाहिए। आवेदन करने की अंतिम तिथि 29 जून 2018 (04 अपराह्न) तक है।
अधिसूचना विवरण:
विज्ञापन संख्या: 230/DH&FWS/VII-7
महत्वपूर्ण तिथि:
आवेदन करने की अंतिम तिथि: 30 जून 2018
Lab Technician recruitment notification 2018:
NHM, पूरबा बर्धमान ने लैब टेक्निशियन, टेक्निकल सुपरवाइजर और अन्य पदों के पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।
वर्धमान जिले का परिचयः
वर्धमान भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल का एक जिला है। इसका मुख्यालय दामोदर नदी के किनारे स्थित वर्धमान शहर में हैं।प्रदेश की राजधानी कोलकाता से 100 किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। इसका नामकरण 24वें जैन तीर्थंकर महावीर के नाम पर हुआ है। मुगल काल में इसका नाम शरिफाबाद हुआ करता था। मुगल बादशाह जहांगीर के फरमान पर 17वीं शताब्दी में एक व्यापारी कृष्णराम राय ने वर्धमान में अपनी जमींदारी शूरू की। कृष्णराम राय के वंशजों ने 1955 तक वर्धमान पर शासन किया। वर्धमान जिले में मिले पाषाण काल के अवशेष तथा सिंहभूमि, पुरूलिया, धनबाद और बांकुड़ा जिले के अवशेषों में समानताएँ हैं। इससे पता चलता है कि यह सम्पूर्ण क्षेत्र एक ही प्रकार की सभ्यता और संस्कृति का पोषक था। वर्धमान नाम अपने आप में ही जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर वर्धमान से जुड़ा हुआ है। पार्श्वनाथ की पहाड़िया जैनों का एक महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्र था। यह भी वर्धमान जिले के सीमा से लगा हुआ है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि महावीर अपने धर्म के प्रचार एवं प्रसार के सिलसिले में वर्धमान आए थे। जिले में विभिन्न तीर्थंकरो की पत्थर की बनी प्रतिमाएँ प्राप्त हुई हैं। गुप्त काल एवं सेन युग में वर्धमान का एक महत्वपूर्ण स्थान था। सल्तनत काल एवं मुगलकालों में वर्धमान एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केन्द्र था।
Published on:
09 Jun 2018 11:49 am
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