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राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड में एग्रीकल्चर अपरेंटिस के 25 पदों पर भर्ती, करें आवेदन

राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड ने एग्रीकल्चर अपरेंटिस के 25 रिक्त पदों पर भर्ती

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Yuvraj Singh Jadon

Dec 24, 2017

NICL

राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड ने एग्रीकल्चर अपरेंटिस के 25 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार निर्धारित प्रारूप में 8 जनवरी 2018 तक या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं।


राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड में रिक्त पदों का विवरणः
एग्रीकल्चर अपरेंटिस - 25 पद


पात्रता मानदंड:
शैक्षिक / तकनीकी योग्यता और अनुभव:
एग्रीकल्चर अपरेंटिस: यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम 60% अंकों के साथ कृषि विज्ञान / कृषि इंजीनियरिंग / वानिकी / बागवानी में स्नातक या समकक्ष।


आवेदन कैसे करें:
आवेदन 'मुख्य प्रबंधक (पर्सनल), नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, हेड ऑफिस, 3 मिडलटन स्ट्रीट, कोलकाता' के पते पर 8 जनवरी 2018 तक पहुंच जाने चाहिए।

महत्वपूर्ण तिथि:
आवेदन की अंतिम तिथि : 8 जनवरी 2018

राष्ट्रीय बीमा कंपनी लिमिटेड में एग्रीकल्चर अपरेंटिस के 25 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।

परिचयः

भारत में पूरे साधारण बीमा व्यवसाय को, साधारण बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम 1972(जिब्ना) के अधीन राष्ट्रीयकृत किया गया था। भारत सरकार ने राष्ट्रीयकरण के द्वारा साधारण बीमा व्यवसाय के लिए 55 भारतीय बीमा कम्पनियों के शेयर और 52 बीमाकर्ताओं की अन्डरटेकिंग प्राप्त की।

जैसे ही सा. बी. नि. का गठन हुआ भारत सरकार ने साधारण बीमा कंपनियों के सभी शेयर सा. बी. नि. को स्थानांतरित कर दिए। सभी भारतीय बीमा कंपनियों को एकीकृत करके चार कंपनियाँ गठित की गई जो कि सा. बी. नि. की अनुषंगी कंपनियां थी।

(1) नेशनल इन्शोरेंस कंपनी लिमिटेड

(2) दि न्यू इंण्डिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड

(3) दि ओरिएण्टल इन्शोरेंस कंपनी लिमिटेड एवं

(4) युनाइटेड इंडिया इन्शोरेंस कंपनी लिमिटेड।

भारतीय साधारण बीमा निगम (सा. बी. नि.) का गठन जिब्ना के खण्ड 9 (1) के तहत किया गया था। 22 नवम्बर 1972 को कंपनी अधिनियम 1958 के तहत शेयर के आधार पर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में उसकी स्थापना हुई। सा. बी. नि. साधारण बीमा व्यवसाय एवं प्रबंधन करने हेतु की गई थी।

19 अप्रैल 2000 को, जब बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 (आई. आर. डी. ए.) प्रभावी हुआ, इस अधिनियम के द्वारा जिब्ना (संशोधन) अधिनियम और बीमा अधिनियम 1938 लाया गया। जिब्ना के एक संशोधन ने सा. बी. नि. एवं उसकी अन्य सहायक कंपनियों को भारत में सामान्य बीमा करने का एकाधिकार समाप्त कर दिया।

नवम्बर 2000 में सा. बी. नि. को भारतीय पुनर्बीमाकर्ता पुनर्निर्धारित किया गया और एक प्रबंधकीय आदेश द्वारा कंपनियों पर सा. बी. नि. का पर्यवेक्षीय रोल समाप्त हो गया।

भारतीय बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) (संशोधन) अधिनियम 2002 (2002 का 40) जो कि 21 मार्च 2003 को प्रभावी हुआ, के द्वारा सा. बी. नि. का कंपनियों पर से स्वामित्व समाप्त हो गया। उनका स्वामित्व अब भारत सरकार के पास है।