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परफॉर्मेंस अप्रेजल के जरिए इस तरह प्राप्त कर सकते हैं बेस्ट

हर कंपनी में अपने एम्प्लॉइज की परफॉर्मेंस अपे्रजल का एक समय तय होता है। इस बात का हमेशा खयाल रखना चाहिए कि पूरे साल की परफॉर्मेंस इस प्रोसेस पर निर्भर करती है।

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हर कंपनी में अपने एम्प्लॉइज की परफॉर्मेंस अपे्रजल का एक समय तय होता है। इस बात का हमेशा खयाल रखना चाहिए कि पूरे साल की परफॉर्मेंस इस प्रोसेस पर निर्भर करती है। सब कुछ अच्छा हो, इसके लिए जरूरी है कि महत्वपूर्ण कदम पहले ही उठा लिए जाएं। जानते हैं कि परफॉर्मेंस अप्रेजल के माध्यम से किस तरह से बेस्ट प्राप्त करें।

टारगेटेड गोल्स तय करें
आप अपनी ताकत के आधार पर गोल्स तय करें। युवा नई अप्रोच के साथ काम करते हैं, जहां वे पता लगा सकते हैं कि अपना बेस्ट किस तरह से परफॉर्म किया जाए। इस अप्रोच की मदद से आप परफॉर्मेंस अप्रेजल कल्चर में खुद को उपयोगी बनाए रख सकते हैं।

खुद का आकलन करें
खुद का आकलन करने पर आपको एक उपयोगी अवसर मिल जाता है। इससे आप पता लगा सकते हैं कि आप कहां अच्छे हैं और किस तरह से बेहतर बन सकते हैं। इससे वे परफॉर्मेंस डवलपमेंट प्लानिंग कर सकते हैं और मैनेजर के साथ अप्रेजल मीटिंग के लिए तैयार रह सकते हैं।

संवाद से मदद मिलेगी
एम्प्लॉई को हमेशा टीम लीडर की बात सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए। प्रभावी परफॉर्मेंस अप्रेजल तभी संभव हो पाता है, जब मैनेजर और एम्प्लॉई विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। आपको बॉस से अपने काम के बारे में सवाल पूछने चाहिए। इससे अपने काम को और भी बेहतर बना सकते हैं। जब बॉस से अपनी कमियों की जानकारी मिलेगी तो खुद में सुधार करेंगे।

तुलना से बचें
आपको वर्कप्लेस पर अपनी निजी परफॉर्मेंस की तुलना किसी के साथ नहीं करनी चाहिए। अगर आप असेसमेंट करना ही चाहते हैं तो आपको पिछले वर्ष अपने काम के हिसाब से खुद से ही तुलना करनी चाहिए। अपने साथियों के साथ कंपीटिशन करने से कुछ हासिल नहीं होगा। अच्छे परिणाम तभी मिलेंगे, जब आप खुद को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।

फीडबैक पर जोर दें
कंपनी में जो भी व्यक्ति आपकी परफॉर्मेंस का आकलन कर रहा है, आप उससे रिवर्स फीडबैक का आग्रह करें। इससे विश्वास और पारदर्शिता में इजाफा होता है। बिना फीडबैक के आप समझ नहीं पाएंगे कि जो हो रहा है, वह क्यों हो रहा है। फीडबैक की मदद से आप आगे के लिए भी तैयार हो पाते हैैं।