
Supreme Court
आर्मी डेंटल कॉर्प्स (ADC) में महिलाओं की भर्ती के लिए केवल 10% रिक्तियों को अलग करना "घड़ी को उल्टी दिशा में चलाने जैसा है", सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी सशस्त्र बलों के लिए की है। सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती पदों का जिक्र करते हुए कहा की भर्ती परीक्षा में पुरुषों के लिए 2394 सीटें रखना और महिलाओं को सिर्फ 235 सीटों तक सीमित रखना सेना के भेदभावपूर्ण रुख को दिखाता है। SC ने यह भी देखा कि महिला उम्मीदवारों को "10 गुना अधिक मेधावी" नजरअंदाज किया जा रहा है, और यह कि महिलाओं को पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा करने से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 15 के खिलाफ था, जो समानता की गारंटी देता है। आप को बता दे जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस अरविंद कुमार की एससी बेंच ने एडीसी भर्ती परिणामों पर पूर्व में दिए गए "यथास्थिति" को रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
SC ने यह भी देखा कि महिला उम्मीदवारों को "10 गुना अधिक मेधावी" नजरअंदाज किया जा रहा है, और यह कि महिलाओं को पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा करने से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 15 के खिलाफ था, जो समानता की गारंटी देता है। इसके अलावा चंडीगढ़ में उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित याचिका में, याचिकाकर्ता डॉ. सतबीर कौर ने आरोप लगाया है कि सेना ने पुरुषों के लिए अधिक सीट आरक्षित की हैं।
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डॉ गोपिका नायर द्वारा दायर एक याचिका मामले की सुनवाई पर SC ने अब यह भी आदेश दिया है कि जिन महिला उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, उनका साक्षात्कार आयोजित किया जाए। भारतीय सेना में डेंटल के पद पर आवेदन करने के लिए किसी भी वर्ग के उम्मीदवार को कोई फीस नहीं देनी होती है। इसके अलावा चंडीगढ़ में उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित याचिका में, याचिकाकर्ता डॉ. सतबीर कौर ने आरोप लगाया है कि सेना ने 30 रिक्तियों में से 27 रिक्तियों को पुरुषों के लिए आरक्षित किया है।
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Published on:
15 Apr 2023 05:02 pm
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