शिक्षा विभाग के सरकारी विद्यालयों में प्रतिदिन प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीनस्थ 3624 राजकीय स्कूलों में 2 लाख 95 हजार 1 सौ 26 विद्यार्थियों को दूध पिलाया जाता है। रोजना 42 हजार लीटर दूध की खपत होती है। नए नामांकन के बाद विद्यार्थियों की संख्या बढ़ भी सकती है। इस योजना में सरकारी स्कूल व मदरसों के कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों को दूध पिलाया जाएगा। जिसमें कक्षा 1 से 5 तक को 150 ग्राम व कक्षा 6 से 8 को 200 ग्राम दूध नियमित पिलाया जाएगा। शिक्षा विभाग आश्वस्त है कि पूर्व में तीन दिन दूध की योजना का सफल संचालन हो रहा है, लेकिन ऐसे में नियमित तौर पर बिना बाधा के सप्ताह में छह दिन भी दूध पिला सकेंगे। डीईओ प्रारंभिक धर्मेन्द्र कुमार जोशी ने बताया कि सप्ताह में 6 दिन दूध पिलाने के आदेश आ चुके है। योजना को लेकर
फिलहाल कोई परेशानी नहीं है। शहर की स्कूलों में परेशानी शहर के विद्यालयों को अभी तक दूध गर्म करने व सर्व करने के लिए कुक कम हेल्पर नहीं मिल पाया है। क्योंकि यहां मानदेय महज पांच सौ रुपए रखा गया है। शहर व आसपास गांव में सेंट्रल कीचन से मिड डे मील पककर जाता है। इसलिए यहां कुक कम हेल्पर पहले से नहीं है। वहीं गांवों के स्कूलों में कुक कम हैल्पर की सुविधा है, जो साथ में दूध गर्म करने का भी कार्य कर देते है। शहर में कुक कम हेल्पर की व्यवस्था नहीं होने से शिक्षकों के भरोसे सारी जिम्मेदारी है। ऐसे में शिक्षण व्यवस्था भी प्रभावित होती है।