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सीज रेस्टोरेंट में मदद के बदले आरओ ने मांगे थे एक लाख रुपए, एसीबी में एफआईआर दर्ज

गोपनीय सत्यापन में डिमांड रिकॉर्ड होने के आधार पर एसीबी में एफआइआर दर्ज, एसीबी कार्रवाई की भनक लगने पर सतर्क होने से रंगे हाथों पकड़े जाने से बचा निगम अधिकारी  

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रिश्वत में लेने वाली सरपंच को जेल भेजा

जोधपुर. देवनगर रोड स्थित एक रेस्टोरेंट सीज करने के मामले में मदद के बदले एक लाख से अधिक रुपए मांगने पर नगर निगम के रेवेन्यू अधिकारी (आरओ) के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के जयपुर मुख्यालय में एफआइआर दर्ज की गई है। रेस्टोरेंट संचालक की शिकायत पर गोपनीय सत्यापन होने के बाद कार्रवाई की भनक लगने से रेवेन्यू अधिकारी सतर्क होने से ट्रैप नहीं हो पाया था।

एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र चौधरी के अनुसार पाल लिंक रोड पर घड़ी तिराहे से देवनगर रोड पर द 29 नामक रेस्टोरेंट है। मकान में बने रेस्टोरेंट के संबंध में शिकायत मिलने पर नगर निगम ने गत जनवरी में रेस्टोरेंट सीज कर दिया था। मौके पर मौजूद निगम के रेवेन्यू अधिकारी (आरओ) तौहिष बारासा ने संचालक को इशारा किया था कि रेस्टोरेंट को सीज मुक्त कराने में मदद की जरूरत हो तो वह उससे मिले ले। संचालक ने आरओ से सम्पर्क किया तो उसने एक लाख से अधिक रुपए मांगे। जिसमें सीज मुक्ति की जुर्माना राशि भी शामिल बताई थी।


रिश्वत मांगने के संबंध में संचालक ने एसीबी से शिकायत की। गोपनीय सत्यापन कराए जाने पर आरओ के रिश्वत मांगने की पुष्टि हो गई। ब्यूरो ने ट्रैप करने के लिए संचालक को आरओ के पास भेजा था, लेकिन उसे एसीबी की कार्रवाई की भनक लग गई थी। वह रेस्टोरेंट संचालक से कन्नी काटने लगा था और आखिरकार उसने उसे मिलने न आने की हिदायत दे डाली थी। ऐसे में एसीबी उसे रंगे हाथों ट्रैप नहीं कर पाई थी।

विशेष विंग को सौंपी जांच
ब्यूरो के उप महानिरीक्षक सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि गोपनीय सत्यापन में आरओ के रिश्वत मांगने की पुष्टि हो गई थी। इसलिए जांच रिपोर्ट बना जयपुर मुख्यालय भेजी थी, जहां एफआइआर दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्रावली जोधपुर एसीबी के पास भिजवा दी। ब्यूरो की विशेष विंग के एएसपी डॉ.दुर्गसिंह को जांच सौंपी गई है।