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एडिशनल चीफ इंजीनियर व एक्सईएन रिश्वत लेते गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एडिशनल चीफ इंजीनियर व एक्सईएन रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की बीकानेर टीम ने विद्युत प्रसारण निगम के जोधपुर व झुंझुनूं कार्यालय में एक साथ कार्रवाई कर बिल भुगतान के बदले एक ही कम्पनी से बतौर कमीशन लेने के आरोप में एडिशनल चीफ इंजीनियर व एक्सईएन को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की बीकानेर टीम ने निर्माण कार्य के भुगतान के बदले बतौर कमीशन रिश्वत ले रहे राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड जोधपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता नरेन्द्र कालरा को 25 हजार और झुंझुनूं में अधिशासी अभियंता को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

दोनों अधिकारियों ने कम्पनी के अलग-अलग कर्मचारियों से अपने कार्यालय में ही यह रिश्वत ली।

पुलिस अधीक्षक (एसीबी जोधपुर) अजयपाल लाम्बा के अनुसार एक निजी कन्स्ट्रक्शन कम्पनी विद्युत प्रसारण निगम के वर्क ऑर्डर पर जोधपुर, बीकानेर और झुंझुनूं में निर्माण कार्य कर रही है।

जिसका कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। बकाया भुगतान के लिए बिल आदि पास करने के बदले झुंझुनूं में पदस्थापित विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के अधिशासी अभियंता सतवीरसिंह धनकड़ और जोधपुर में अतिरिक्त मुख्य अभियंता नरेन्द्र कालरा रिश्वत देने का दबाव बना रहे हैं।

कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जितेन्द्रसिंह ने गत 12 अगस्त को बीकानेर स्थित एसीबी कार्यालय में शिकायत की।गोपनीय सत्यापन करवाए जाने पर रिश्वत लेने और बकाया कमीशन मांगने की पुष्टि हुई।

बीकानेर एसीबी की टीम मंगलवार को जोधपुर स्थित विद्युत प्रसारण निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता कालरा के कार्यालय पहुंची, जहां प्रोजेक्ट मैनेजर जितेन्द्रसिंह ने उन्हें 25 हजार रुपए बतौर रिश्वत दिए। राशि का लिफाफा टेबल पर रख दिया गया।

इशारा मिलते ही एएसपी परबतसिंह ने दबिश देकर अतिरिक्त मुख्य अभियंता नरेन्द्र कालरा को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की टीम कालरा को बीकानेर ले गई, जहां बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

निरीक्षक अनिल शर्मा के नेतृत्व में एसीबी की एक अन्य टीम कालरा के आवास की तलाशी लेने पहुंची। दोनों ही कार्यवाही चल रही हैं।उधर, बीकानेर एसीबी की एक अन्य टीम ने कम्पनी के लेखाकार और सह परिवादी मनीष रक्षक को झुंझुनूं स्थित प्रसारण निगम लिमिटेड के एक्सईएन सतवीरसिंह धनकड़ के कार्यालय भेजा।

जहां मनीष ने बतौर रिश्वत एक्सईएन सतवीर सिंह को 20 हजार रुपए दिए। इशारा मिलते ही एसीबी के निरीक्षक संजीव स्वामी ने वहां दबिश दी और सतवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

सत्यापन के दौरान ले चुके थे 80 हजार रुपए

कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जितेन्द्रसिंह की शिकायत पर एसीबी ने दोनों ही अधिकारियों का गोपनीय सत्यापन करवाया। तब जोधपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता नरेन्द्र कालरा ने बीकानेर स्थित अपने आवास पर 50 हजार रुपए ले लिए।

जबकि एक्सईएन ने झुंझुनूं स्थित कार्यालय में 30 हजार रुपए ले लिए थे। दोनों अधिकारी इससे पहले भी कम्पनी से भारी राशि बतौर रिश्वत ले चुके थे।

इतना ही नहीं, दोनों ही अधिकारियों ने कमीशन राशि का हिसाब किया और बकाया कमीशन के लिए और राशि की मांग की थी।

तलाशी में मिले 2.11 लाख रुपए

एसीबी निरीक्षक अनिल शर्मा ने सेनापति भवन के सामने स्थित पेइंग गेस्ट हाउस में कमरा लेकर रह रहे अतिरिक्त मुख्य अभियंता नरेन्द्र कालरा के आवास की तलाश ली, जहां से 58 हजार रुपए व पर्स में से 13 हजार रुपए मिले।

वहीं, बीकानेर स्थित घर की तलाशी में 1.40 लाख रुपए मिले। इसके अलावा ब्यूरो को कोई खास सफलता नहीं मिल पाई।