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12वीं कक्षा से समलैंगिक संबंधों में रही आरोपी, खुद को लडक़ों की तरह समझा

- एएओ की हत्या कर शव काटने की आरोपी तीन बहनें व साथी रिमाण्ड पर- बहन को बोरुंदा छोड़ जोधपुर लौटी थी दोनों बहनें- पूर्व फौजी को रात 12 बजे गांव से बुला टुकड़े नाले में फेंके थे

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12वीं कक्षा से समलैंगिक संबंधों में रही आरोपी, खुद को लडक़ों की तरह समझा

12वीं कक्षा से समलैंगिक संबंधों में रही आरोपी, खुद को लडक़ों की तरह समझा

जोधपुर. कृषि विभाग में एएओ चरणसिंह उर्फ सुशील जाट से ब्याही सीमा चौधरी के छात्रावास में रहने के दौरान 12वीं कक्षा से ही समलैंगिक संबंध रहे। वह अधिकांशत: लडक़ों की तरह ही रही। कपड़े भी लडक़ों वाले ही पहनती रही। वर्ष 2013 में चरणसिंह से शादी हो गई थी। दो माह पहले एएओ पद पर नियुक्ति के बाद चरण व उसके घरवालों ने सीमा के घरवालों पर गौने का दबाव डालना शुरू कर दिया था, लेकिन समलैंगिक होने की वजह से वह गौना नहीं करना चाहती थी। उसने पहले घरवालों और फिर पति चारण सिंह को समलैंगिक होने के बारे में बताया था। जिसे सुन चरणसिंह चौंक गया था। वह मरने या मारने की बात करने लगा था। सीमा ने बहनें प्रियंका व बबीता के साथ मिलकर उसे मारने की साजिश रची थी। पुलिस की अब तक की जांच में यह सामने आया।

बहन को बोरुंदा छोड़ दोनों सालियां लौटी
दोनों सालियां मोपेड पर शव ठिकाने लगाने वाली थी, लेकिन पकड़े जाने के डर से प्रियंका ने रात दस बजे कांटियां निवासी भींयाराम जाट को फोन कर जोधपुर बुलाया था। वह रात साढ़े बारह बजे प्रियंका के मकान पहुंचा था, जहां से कार की डिक्की में छहों टुकड़े रखे थे। पांच टुकड़े नांदड़ी के आस-पास सीवरेज लाइन और धड़ ओसियां फांटा के पास नाले में फेंक दिया था। आरोपी भींयाराम को आठ साल तक सेना में रखने के बाद निकाला जा चुका है।

पुलिस लाइन के पास नाले में फेंकना था शव
बनाड़ थानाधिकारी अशोक आंजणा का कहना है कि एएओ का धड़ सीवरेज लाइन के मैन हॉल में नहीं आ सका था। तीनों बहनों ने धड़ को पुलिस लाइन के पास खुले नाले में फेंकने की योजना बनाई थी, लेकिन बनाड रोड नाके पर पुलिस जांच में पकड़े जाने की आशंका से वे सारण नगर पुल से माता का थान होकर मण्डोर रोड पहुंचे, जहां ओसियां फांटा के पास नाले में फेंक दिया था।

पत्नी ने शातिर अपराधी से अधिक बरती थी हर सतर्कता
पुलिस उपायुक्त पूर्व धर्मेन्द्रसिंह यादव ने बताया कि एएओ की पत्नी सीमा ने अपराधी से भी अधिक सतर्कता बरती थी। उसने दस अगस्त को खुद का मोबाइल घर पर रखा था। एक अन्य बहन का मोबाइल साथ लेकर गई थी। चरणसिंह का मोबाइल भी बोरुंदा में स्विच ऑफ कर दिया था। ताकि उसकी लोकेशन वहीं आती रहे। हत्या के बाद उसकी बाइक भी पब्लिक पार्क के सामने खड़ी की थी, लेकिन पुलिस से बच नहीं पाई।

पुलिस को देख सहेली के घर भागी दो बहनें
शव के टुकड़े नालों में बहाने के बाद भींयाराम कार से गांव चला गया था। प्रियंका व बबीता कमरे लौट आई थी। दूसरे दिन कटे हाथ-पांव मिलने के बाद पुलिस नांदड़ी व आस-पास तलाश में जुट गई थी। जिन्हें देख घबराईं दोनों बहनें पाल रोड पर सहेली के घर चली गई थी। रात वहां ठहरने के बाद १२ अगस्त की सुबह सीधे बोरुंदा लौट गईं थी, जहां से उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया था।

बोर्ड से पोस्टमार्टम, डीएनए जांच के नमूने लिए
पुलिस ने मूलत: खाकडक़ी हाल बोरुंदा निवासी चरणसिंह उर्फ सुशील जाट पुत्र नेमाराम जाट के कटे छह टुकड़ों का मेडिकल बोर्ड से शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराया। शरीर पर इंजेक्शन लगाने के निशान मिले हैं। शरीर के हर टुकड़े की डीएनए जांच कराई जाएगी। ताकि पुष्टि हो सके कि वो एएओ चरणसिंह के ही थे। थानाधिकारी अशोक आंजणा ने बताया कि बोरुंदा निवासी सीमा चौधरी पुत्री पोकरराम डांगा, उसकी बहन प्रियंका व बबीता और कांटिया निवासी भींयाराम जाट को कोर्ट में पेश करने पर पांच-पांच दिन के रिमाण्ड पर भेजा गया है।