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निराश्रित लोगों की बेटी बनी अनुराधा, अनुबंध में रह रहे 80 से अधिक वृद्धजन

- वृद्धजनों के परिवार के लिए बेटी बन चुकी अडवानी- अनुराधा अडवानी की बेगानो की सेवा के दो दशक बेमिसाल

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निराश्रित लोगों की बेटी बनी अनुराधा, अनुबंध में रह रहे 80 से अधिक वृद्धजन

निराश्रित लोगों की बेटी बनी अनुराधा, अनुबंध में रह रहे 80 से अधिक वृद्धजन

जोधपुर. जोधपुर शहर से करीब 12 किमी दूर मण्डोर नागौर रोड के निम्बा नीम्बड़ी क्षेत्र की प्राकृतिक पहाडिय़ों से घिरे शान्त वातावरण में स्थित वृद्धजन कुटीर ‘अनुबंध’ बिना किसी जाति-धर्म के जरूरतमंद मानव सेवा के अनुबंध 25 नवम्बर को 20 वें वर्ष में प्रवेश करेगा। यहां अनुराधा अडवानी बिना किसी सरकारी मदद के बेमिसाल सेवा में जुटी है। करीब 80 से अधिक वृद्धजनों के परिवार के लिए बेटी बन चुकी अडवाणी जो न तो इनकी सेवा करते वक्त माथे पर कोई शिकन लाती है और ना ही आश्रम के किसी सदस्य की आंख में कभी आंसू आने देती है ।
जाति, धर्म, सम्प्रदाय व समाज-आर्थिक स्तर से परे संस्थान में देश के विभिन्न राज्यों के दिव्यांग, लकवाग्रस्त सहित मानसिक व शारीरिक रूप से असामान्य बुजुर्ग भी है ।

कोविडकाल में बढ़ गई थी जिम्मेदारी
वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान ‘अनुबंध’ का विशाल परिवार 16 मार्च 2020 से ही खुद को लॉकडाउन किए हुए था। असंभावित खतरों के साए के बीच सीमित संसाधनों और भरपूर सेवा भावनाओं से आश्रम के सेवादारों की टीम बुजुर्गो की 24 घंटे देखरेख में जुटी रही।

19 साल से सेवाएं दे रही बुजुर्ग नाथी
वर्ष 2002 में आश्रम की शुरुआत के प्रथम दिन से बुजुर्ग महिला नाथी बाई लगातर आश्रम में वृद्धजनों की सेवा में दिन रात जुटी है। बुजुर्गों की सेवा कार्यों को ईश्वरीय सेवा मानने वाली नाथी खुद अब जीवन के 60 बसंत पार चुकी है।