
पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक हब है जोधपुर। खुद उद्योग विभाग के आंकलन के अनुसार भिवाड़ी के बाद सबसे ज्यादा इंडस्ट्री की वैरायटी जोधपुर में है। राइजिंग राजस्थान में सरकार जिस लिहाज से निवेश लाने के लिए प्रयास कर रही है उसमें ग्रीन इंडस्ट्री के अच्छे आसार हैं। इसीलिए जिला स्तर के आयोजन होने के बाद भी लगातार निवेश के प्रस्ताव मिल रहे हैं। सभी की एक ही डिमांड है, वह है जमीन। लेकिन उसी लिहाज से उद्योगों का विकास काफी पीछे है। पिछले 20 साल में कोई नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं हुआ है।
जोधपुर में अब तक 18 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। इनमें से 90 प्रतिशत निवेशक जमीन की ही डिमांड कर रहे हैं। रीको ने 2003 के बाद कोई नया औद्योगिक क्षेत्र शहर में विकसित नहीं किया। ऐसे में औद्योगिक विकास की गति रुक गई है। यह पहली बार है जब जेडीए जैसे स्थानीय निकाय भी उद्योग विकास में साथ आए हैं। ऐसे में इस बार के एमओयू के धरातल पर उतरने की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं।
ये सेक्टर पहले से ही जोधपुर में
- हैंडीक्राफ्ट
- सोलर इंडस्ट्री
- प्लास्टिक व पॉलिकार्बोनेट
- मेडिकल टूरिज्म
- मेडिकल उपकरण इंडस्ट्री
- टैक्सटाइल
- स्टील पाटा उद्योग
- यूटेनसिल्स बर्तन उद्योग
- कृषि आधारित उद्योग
- लाइम उद्योग
- केमिकल प्रोडक्ट उद्योग
- हेरिटेज टूरिज्म इंडस्ट्री
ग्रीन इंडस्ट्री सेगमेंट
सरकार को निवेश के लिए ग्रीन इंडस्ट्री पर फोकस करना भी जरूरी है। क्योंकि गैर प्रदूषण उद्योग बढ़ेंगे तो पर्यावरण भी बचा रहेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसीलिए तीन नए सेक्टर जोधपुर में डवलप हो सकते हैं। इसमें एग्रो फूड इंडस्ट्री, सोलर उपकरण मैन्युफेक्चरिंग उद्योग और बर्तन उद्योग प्रमुख हैं।
रोजगार बढ़ेगा
किसी भी उद्योग की पहली आवश्यकता जमीन की होती है, लेकिन इसमें चैलेंज आते हैं। हमने भी 40 करोड़ के प्रस्ताव के साथ यही डिमांड रखी है। जमीन के साथ ही रोजगार के द्वार भी खुलते हैं।
- राकेश दवे, निवेशक
500 बीघा जमीन मांगी
हमने 500 बीघा जमीन पर 30 से 50 उद्योग लगाने के लिए एमओयू किया। 750 करोड़ के निवेश का प्रावधान है। जमीन सबसे प्रारंभिक बात है। इसके बाद यहां टेस्टिंग लेबोरेट्री और फेसिलिटेशन सेंटर बनाएंगे।
- प्रियेश भंडारी, जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स फेडरेशन
एक्सपर्ट व्यू
ग्रीन इंडस्ट्री यहां विकसित हो सकती है। कई प्रस्ताव आए हैं। जोधपुर पहले से ही उद्योगों में समृद्ध है। राइजिंग राजस्थान अभियान के दौरान जो एमओयू हो रहे हैं, उसमें और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जमीन के लिए प्रयास किए जाएं तो बेहतर है। वुडलैंड एक कैटेगरी होती है, इसमें नियमों में बदलाव कर उद्योगों को उपलब्ध करवाए तो काफी राहत मिलेगी।
- घनश्याम ओझा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती
Published on:
15 Nov 2024 06:09 pm
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