6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

AICTE ने किया ऐलान, अगले दो वर्ष देश में नहीं खुलेंगे इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेज, सामने आएंगे नए जॉब्स

एआइसीटीइ अध्यक्ष अनिल डी सहस्त्रबुद्धे ने गुरुवार को यहां एक निजी कॉलेज के कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा 20 साल पहले कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु को छोड़ देश में गिनती के निजी इंजीनियरिंग कॉलेज थे। इसके बाद अत्यधिक संख्या में निजी कॉलेजों को हरी झंडी दी गई।

2 min read
Google source verification
All India Council for Technical Education chairman anil d sahasrabudhe

AICTE ने किया ऐलान, अगले दो वर्ष देश में नहीं खुलेंगे इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेज, सामने आएंगे नए जॉब्स

गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. देश में वर्ष 2020 से नया इंजीनियरिंग या फार्मेसी कॉलेज नहीं खुलेगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) ने लगातार सीटें खाली रहने के बाद अगले 2 साल के लिए नए कॉलेज खोलने पर रोक लगा दी है। इस निर्णय की दो वर्ष बाद समीक्षा की जाएगी।

एआइसीटीइ अध्यक्ष अनिल डी सहस्त्रबुद्धे ने गुरुवार को यहां एक निजी कॉलेज के कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा 20 साल पहले कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु को छोड़ देश में गिनती के निजी इंजीनियरिंग कॉलेज थे। इसके बाद अत्यधिक संख्या में निजी कॉलेजों को हरी झंडी दी गई। इंजीनियरिंग के प्रति रुझान कम होने से अब हर साल 100-150 कॉलेज बंद हो रहे हैं। सहस्त्रबुद्धे ने कहा एआइसीटीइ स्वयं कॉलेज बंद नहीं करेगी। तकनीकी संस्थानों के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन का सर्टिफिकेट जरूरी होगा। कोई संस्थान 4 साल तक यह सर्टिफिकेट नहीं लेगा तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।

इन फील्ड में पैदा होंगे 40 प्रतिशत नई जॉब
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, थिंग्स ऑफ इंटरनेट, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन, वर्चुअल रीडिंग, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा एनालिसिस।

इंजीनियरिंग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए कदम
- हर साल 10 प्रतिशत सीटें कम की जा रही हैं।
- शिक्षकों के शिक्षण में सुधार के लिए जयपुर, गुवाहाटी बड़ौदा और तिरुवंतपुरम में अटल एकेडमी खोली गई है। इसमें 8 मॉड्यूल वाला टीचर सर्टिफिकेट प्रोग्राम पढ़ाया जा रहा है।
- बीटेक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्रों को पहले 3 सप्ताह में क्रिएटिव एक्टिविटी कराई जा रही है।
- बीटेक द्वितीय वर्ष में ही इनोवेशन पर जोर दिया जा रहा है ताकि डिग्री पूरी होने से पहले ही छात्र नए स्टार्ट-अप शुरू कर सकें। यही वजह है कि इनोवेशन इंडेक्स में भारत 91वें स्थान से 52 वें पर आ गया।
- हर साल 8 से 10 लाख इंजीनियर तैयार हो रहे हैं जो भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए पर्याप्त हैं। वर्तमान में 4.50 लाख इंजीनियर को कैंपस प्लेसमेंट मिल रही है। बाकी का डाटा एआइसीटीइ के पास नहीं है।

भारतीय इंजीनियर की जरूरत पड़ेगी
जर्मनी, जापान और यूरोप में यूरोपियन सहित अन्य विकसित देशों की आबादी वृद्धावस्था की ओर जा रही है। भारत की इंजीनियरिंग शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के बाद बेहतर इंजीनियर इन देशों में काम आएंगे। वर्तमान में भी मध्य पूर्व के अधिकांश देशों में भारतीय इंजीनियर कार्यरत हैं।