5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

35 किमी दूर थी एएसआइ की ड्यूटी, लेकिन ऐसे आ गई मौत…

- लग्जरी कार की चपेट से इंटरसेप्टर पर तैनात एएसआइ की मौत का मामला- एएसआइ की सांगरिया में थी ड्यूटी, तीन दिन से इंटरसेप्टर पर थे तैनात

2 min read
Google source verification
,

35 किमी दूर थी एएसआइ की ड्यूटी, लेकिन ऐसे आ गई मौत...,35 किमी दूर थी एएसआइ की ड्यूटी, लेकिन ऐसे आ गई मौत...

जोधपुर।
व्यक्ति की मौत जहां लिखी होती है काल उसे खींचकर वहां ले ही आता है। यह कथन नागौर रोड पर ड्यूटी के दौरान लग्जरी कार की चपेट से जान गंवाने वाले इंटरसेप्टर (बुल-2) के एएसआइ भंवरलाल पर सटीक साबित हुई। एएसआइ भंवरलाल की सांगरिया में यातायात पॉइंट पर ड्यूटी थी, लेकिन इंटरसेप्टर (बुल-2) के एएसआइ सोहनलाल के तीन दिन अवकाश जाने की वजह से एएसआइ भंवरलाल को उनकी जगह तैनात किया गया था।
अवकाश के अंतिम दिन आ गई मौत
कमिश्नरेट की यातायात पुलिस की इंटरसेप्टर (बुल-2) पर एएसआइ सोहनलाल की ड्यूटी है। जो 13 से तीन दिन के अवकाश पर गए थे। ऐसे में इंटरसेप्टर पर किसी अन्य एएसआइ को लगाना था। लोहावट निवासी एएसआइ भंवरलाल ढाका सांगरिया पॉइंट पर तैनात थे। उन्हें तीन दिन के लिए इंटरसेप्टर (बुल-2) पर तैनात किया गया था। 15 अगस्त को ड्यूटी के बाद उन्हें सांगरिया पॉइंट पर ड्यूटी के लिए जाना था, लेकिन नागौर रोड पर रलावास पुल से आगे भोमियाजी के थान से पहले गलत दिशा में मोबाइल पर बात करते कार चलाने से टोकने पर चालक ने एएसआइ व इंटरसेप्टर को टक्क्र मार दी थी। जिससे एएसआइ भंवरलाल की मौत हो गई थी। जालसू नानक गांव हाल मण्डोर में भानु नगर बी रोड निवासी हरिशंकर वैष्णव का भी दम टूट गया था। कांस्टेबल अशोकसिंह घायल हो गया था।
चालक की मौत से लगेगी फौतगी एफआर
करवड़ थाने में इंटरसेप्टर के अन्य कांस्टेबल मनीष की तरफ से टक्कर मारने वाली कार चालक हरिशंकर वैष्णव के खिलाफ तेज रफ्तार व लापरवाही से चलाकर एएसआइ की मृत्यु करने का मामला दर्ज कराया गया है। एएसआइ की जान लेने का आरोपी चालक भी जान गंवा चुका है। ऐसे में पुलिस जांच के बाद फौतगी एफआर लगाकर कोर्ट में पेश करेगी।
बरसों तक गनमैन रहे, पदोन्नति पर यातायात में आए
पुलिस का कहना है कि एएसआइ भंवरलाल के पिता पुलिस में उप निरीक्षक से सेवानिवृत्त हुए थे। भंवरलाल की कांस्टेबल से भर्ती हुई थी। वे एडीएम सिटी के बाद डीसीपी मुख्यालय व यातायात के गनमैन रहे थे। फिर पदोन्नति पाकर हेड कांस्टेबल व एएसआइ बने थे। अधिकांश ड्यूटी कार्यालय में रही। एएसआइ बनने पर यातायात में तबादला हो गया था।