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अब सरकार के ही गले का फांस बनी बजरी खनन रोक, रिफाइनरी के इस काम में आई बाधा ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता

सभी वैकल्पिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करने के निर्देश दिए हैं

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जोधपुर

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Chen Raj

Jan 15, 2018

inaugration of barmer refinery by PM modi

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जोधपुर . पचपदरा में लग रही रिफाइनरी का काम बजरी की वजह से न रुके, इसके लिए प्रशासन ने अभी से ही माथापच्ची शुरू कर दी है। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की संभावनाएं तलाशी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी १६ जनवरी को रिफाइनरी कार्य की शुरूआत करेंगे, एेसे में बाद में इस काम में तेजी आने के आसार है, लेकिन राज्य में बजरी पर रोक की वजह से कुछ बाधाएं आ रही है। सरकार ने स्थानीय प्रशासन को इस सम्बंध में सभी वैकल्पिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

गुजरात से भी मंगवाई जा सकती है बजरी


रिफाइनरी के चारदीवारी के लिए टेंडर प्रक्रिया होने के बाद कार्य विधिवत रूप से शुरू हो चुका है। इस कार्य पर बजरी खनन की रोक के बाद गति कम हुई है। इसके साथ ही अब आवासीय कॉलोनी के लिए चारदीवारी निर्माण का कार्य प्रारंभिक तौर से शुरू हो गया है। अधिकारियों की देखरेख में सर्वे कर कार्य किया जा रहा है। बजरी की व्यवस्था के लिए प्रशासन गुजरात से भी बजरी मंगवाने पर विचार कर सकता है। साथ ही बाड़मेर-बालोतरा क्षेत्र में स्थानीय खातेदारों को बजरी खनन की छूट देकर बजरी खरीदी जा सकती है। फिलहाल यह तय नहीं हुआ है, लेकिन बजरी पर रोक समय रहते नहीं हटती है तो प्रशासन इन संभावनाओं पर विचार कर रहा है।

जमीनी सौदों में फिलहाल स्थिरता

भले ही प्रधानमंत्री मोदी १६ जनवरी को बाड़मेर के पचपदरा में रिफाइनरी कार्य का शुभारंभ कर रहे हो, लेकिन रिफाइनरी के आस-पास व पचपदरा और बालोतरा में फिलहाल जमीनों के सौदों में स्थिरता है। रियल एस्टेट का बिजनेस करने वाले लोगों की माने तो जैसे-जैस रिफाइनरी का काम आगे बढ़ेगा, वैसे ही जमीनी सौदों में तेजी आएगी। फिलहाल खास तेजी नहीं है। इसके पीछे यह भी कारण माना जा रहा है कि पूर्व में भी दो बार रिफाइनरी को लेकर घटनाक्रम बदल चुके हैं।

यह है रिफाइनरी की गणित


पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार४३129 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस रिफाइनरी की शोधन क्षमता 90 लाख टन सालाना होगी। इसमें 74 प्रतिशत हिस्सेदारी हिन्दुस्तान पेट्रोलियम की और 26 प्रतिशत राजस्थान सरकार की होगी। चार साल में परियोजना के पूरा होने की उम्मीद है। निर्माण के दौरान जब कार्य चरम पर होगा परियोजना में 40 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलेने की उम्मीद है। जबकि एक हजार लोगों को रिफाइनरी में सीधे रोजगार मिलेगा।


स्थानीय प्रशासन कर रहा है काम

रिफाइनरी को लेकर बजरी की क्या व्यवस्था होगी, इसके लिए स्थानीय प्रशासन स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है। समय रहते बजरी से रोक नहीं हटती है तो इस प्रोजेक्ट के लिए कुछ रास्ता निकाला जाएगा।


- डॉ. रवि सुरपुर, कार्यवाहक, संभागीय आयुक्त, जोधपुर