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अनूठी शादी : गाजे बाजों से पहुंची बारात, रीति रिवाज से हुई पीपल की शादी

पर्यावरण सरंक्षण : घराती - बराती सहित पांच सौ मेहमान हुए शामिल

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अनूठी शादी :  गाजे बाजों से पहुंची बारात, रीति रिवाज से हुई पीपल की शादी

अनूठी शादी : गाजे बाजों से पहुंची बारात, रीति रिवाज से हुई पीपल की शादी

जोधपुर/बेलवा . इन दिनों शादियों के सीजन के बीच केतु मदां के सालासर नगर में अनोखा विवाह समारोह आयोजित हुआ। जहां पर पीपल के पेड़ का विवाह बड़े धूमधाम से करवाया गया। घर के बाहर पीपली को बेटी की विदाई की तरह सभी वैवाहिक रस्मे अदा की गई। केतु कल्ला गांव के ठाकुरजी मंदिर से लक्ष्मणदास संत के सानिध्य में बारात गाजे बाजों के साथ पहुंचने पर स्वागत किया गया। महिलाओं के मंगल गीतों के बीच तोरण, संभेला के बाद विधि विधान से शादी की पूरी रस्मे निभाई गई। शुभ मुहूर्त गोधूलि वेला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पीपल- पिपली का पाणिग्रहण संस्कार किया गया।

लालाराम सुथार ने बताया साल 2017 ने इन पीपल के पेड़ों को यहां पर लगाया गया था। इसके बाद इन्हें रोजाना पानी डालने की आदत सी हो गई।

एक तरह से परिवार के सदस्य की भांति इनका ख्याल रखकर पाल पोसकर बड़ा किया।

परम्परागत संस्कृति और विरासत से जुड़ी शादी में भाग लेने के लिए सैंकड़ो ग्रामीणों के साथ शहरो में कामकाज कर रहे पारिवारिक सदस्य भी पहुंचे।

शादी में उपहार स्वरूप सोने और चांदी के जेवर व सभी गृहउपयोगी सामग्री संतों को भेंट कर दी गई। कार्यक्रम में गांव के करीब 500 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। प्रीतिभोज में मेहमानों को भोज करवाया गया। कुलरिया परिवार के सदस्यों ने बताया कि हमारे धर्म में पेड़ पौधों को भी विशेष महत्व दिया गया है और वर्तमान समय को देखते हुए पर्यावरण का संरक्षण होना बेहद जरूरी है । पौराणिक परम्परा को ध्यान में रखते हुए यह विशेष आयोजन करवाया गया। कार्यक्रम में पूर्व सरपंच कंवरसिंह राठौड़, हरिंगाराम सुथार, अध्यापक मनोहरसिंह राठौड़, लालाराम सुथार, नखताराम प्रजापत, रुघाराम सुथार, पीईईओ बाबूलाल चामू, घनश्याम रावलगढ़, जगदीश सुथार चेराई सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।