
बिपरजोय ने 9 बार बदला था ट्रेक, देश का दूसरा सबसे लम्बा तूफान
जोधपुर. जून महीने में उत्तरी हिंदी महासागर यानी अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजोय इस क्षेत्र का दूसरा सबसे लम्बी अवधि का तूफान रहा। यह 13 दिन 3 घंटे तक तूफान (डिप्रेशन से डिप्रेशन तक) के रूप में रहा। इससे पहले देश में 8 से 23 नवम्बर 1977 के दौरान लम्बा तूफान आया था जो बंगाल की खाड़ी से शुरू हुआ और अरब सागर के ऊपर समाप्त हुआ। इसकी अवधि 14 दिन 6 घंटे रही।
बिपरजोय के बारे में विशेष बात यह भी रही कि इसने तूफानी अवस्था के दौरान 9 बार अपना ट्रेक बदला, जिससे मौसम वैज्ञानिकों को पूर्वानुमान लगाना कठिन हो गया। भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में बिपरजोय को लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है।
केरल के समानांतर शुरू हुआ, उत्तरप्रदेश तक गया
- 5 जून को दक्षिणी पूर्वी अरब सागर में केरल के समानांतर डिप्रेशन के रूप में पैदा हुआ बिपरजोय
- 11 जून को एक्सट्रीमली सिवियर साइक्लोनिक स्ट्रोम में बदला
- 15 जून को गुजरात के जाखू पोर्ट से धरातल पर प्रवेश किया
- 19 जून तक यह डिप्रेशन में बदल गया
- 21 जून तक इसके असर से मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में बरसात हुई
- 2525 किलोमीटर दूरी बिपरजोय ने तय की
- 166 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली थी 11 जून को
66 चक्रवाती तूफान आए
उत्तरी हिंद महासागर (बंगाल की खाड़ी और अरब सागर) में 1965 से लेकर 2022 तक कुल 66 चक्रवाती तूफान आए। इसमें से 8 तूफान से गुजरात तट पार किया। इससे पहले लम्बा तूफान अक्टूबर 2019 में क्यार था जो 9 दिन 15 घंटे तक रहा।
धीमी स्पीड रही, 7.7 किमी प्रति घंटे से आगे बढ़ा
मौसम विभाग के अनसुार बिपरजोय की गति बहुत धीमी रही। यह औसतन 7.7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा। इस क्षेत्र में आए अब तक तूफानों की औसत गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा रही है।
जाना था ओमान, आ गया भारत
बिपरजोय ने 9 बार ट्रेक बदला। पहले इसकी दिशा उत्तर व उत्तर-पश्चिमी थी जो ओमान की तरफ था। बाद में यह उत्तर व उत्तरी-पूर्वी हुआ। इसके बाद यह उत्तर दिशा में आगे बढ़ा और भारत में प्रवेश किया।
Published on:
06 Jul 2023 08:07 pm
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