
बॉर्डर पर लगे 360 डिग्री पर घूमने वाले कैमरे, तीन किमी तक देखेगा अफसरों के मोबाइल से कनेक्ट कैमरा
गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने श्रीगंगानगर से बाड़मेर तक पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण तारबंदी के सानांतर लगाए गए पी टू पी (पीयर टू पीयर) कैमरा हैं। ये कैमरे ऑब्जेक्ट के साथ 360 डिग्री घूमते हैं। कोई भी तस्कर या घुसपैठिया नजर आने पर यह उसके साथ चलता रहेगा। कैमरे को रियल टाइम मोबाइल से भी कनेक्ट किया जा सकता है। बीएसएफ के कुछ वरिष्ठ अधिकारी अपने दफ्तर में बैठे-बैठे बॉर्डर पर हो रही हलचल देख पाएंगे। इसके अलावा लेजर बीम भी उपयोग में ले जा रही है।
पीटूपी कैमरे से 3 किलोमीटर दूर तक बॉर्डर के उस पार होने वाली हलचल को भी मॉनिटर किया जा रहा है। कैमरे का मुख्य कंट्रोल बीएसएफ की सीमा चौकी (बीओपी) पर रहेगा। इसकी मदद से सर्दियों में नफरी में भी कमी की जा रही है। कड़ाके की ठंड में जवान तारबंदी पर गश्त करने की बजाय बीओपी के अंदर से नजर रख पाएंगे। लेजर बीम और इन्फ्रा रेड टेक्नोलॉजी भी काम में ली गई है। गौरतलब है कि राजस्थान में पाकिस्तान के साथ लगती 1070 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय रेखा है, जिसमें श्रीगंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर जिले आते हैं।
तारबंदी के पास लगी एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी
केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद बीएसएफ ने जम्मू कश्मीर से लेकर गुजरात तक अंतरराष्ट्रीय सीमा के सहारे एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी स्थापित की है। यह ऐसी तकनीक है जिसमें उड़ते हुए ड्रोन के सिग्नल को जाम कर गिरा दिया जाता है। यही कारण है कि पिछले 1 महीने से सीमा पर पाकिस्तान की ड्रोन गतिविधियां पूरी तरीके से बंद हो गई है। पाकिस्तान ने चीन से कुछ ड्रोन खरीदे थे। कुछ ड्रोन को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। अधिक नुकसान देखकर पाक ने अब ड्रोन उड़ाने कम कर दिए हैं।
बॉर्डर पर नई तकनीक का उपयोग
हमने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुछ नई तकनीक का उपयोग किया है जो तस्करी और घुसपैठ रोकने में मददगार साबित होगी।
- एमएस राठौड़, डीआइजी, सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रं टियर जोधपुर
Published on:
10 Dec 2019 10:35 am
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