
जानिए कब शुरू हो रहा नूतन संवत्सर , क्या होगा प्रकृति में बदलाव
जोधपुर. इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से सृष्टयादि वर्ष एक अरब 95 करोड़ , 58 लाख 85 हजार 123 वां वर्ष होगा । सृष्टि का आरंभ हुआ तभी से कालगणना का आरंभ हुआ है । इस आरंभ दिन को गणना में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा निर्धारित किया गया ।नव संवत्सर 2079 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा , 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो रहा है यहीं हिन्दुओं का नया वर्ष है । जोधपुर में नववर्ष महोत्सव समिति की ओर से इसे धूमधाम से मनाने की तैयारियां की जा रही है।
नई फसल आने का समय
नई फसल घर में आने का समय भी यही है । इस समय प्रकृति में उष्णता बढ़ने लगती है , जिससे पेड़ - पौधे , जीव - जन्तु में नवजीवन आ जाता है । लोग इतने मदमस्त हो जाते हैं कि आनंद में मंगलमय गीत गुनगुनाने लगते हैं । गौरी और गणेश की पूजा भी इसी दिन से तीन दिन तक राजस्थान में की जाती है । चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के समय जो वार होता है , वह ही वर्ष में संवत्सर का राजा कहा जाता है । मेषार्क प्रवेश के दिन जो वार होता है वही संवत्सर का मंत्री होता है । इस दिन सूर्य मेष राशि में होता है ।
प्रकृति भी करती है नव शृंगार
इस समय प्रकृति भी शृंगार करने लगती है । पेड़ - पौधों में फूल , मंजरी , कली इसी समय आना शुरू होते हैं , वातावरण में एक नया उल्लास होता है , जो मन को आह्लादित कर देता है । जीवों में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है । इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था । भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था । नवरात्र की शुरुआत इसी दिन से होती है , जिसमें हिन्दू उपवास एवं पवित्र रहकर नववर्ष की शुरुआत करते हैं । न शीत न ग्रीष्म । पूरा पावन काल । ऐसे समय में सूर्य की चमकती किरणों की साक्षी में चरित्र और धर्म धरती पर स्वयं श्रीराम रूप धारण कर उतर आए । श्रीराम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी को होता है । चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि के ठीक नवें दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था । यह दिन कल्प , सृष्टि युगादि का प्रारंभिक दिन है । संसारव्यापी निर्मलता और कोमलता के बीच प्रकट होता है । हिन्दुओं का नया साल विक्रम संवत्सर विक्रम संवत का संबंध हमारे कालचक्र से ही नहीं , बल्कि हमारे सुदीर्घ साहित्य और जीवन जीने की विविधता से भी है ।
चैत्र का वैदिक नाम मधु मास
मधु मास अर्थात आनंद बांटता वसंत का मास । यह वसंत आ तो जाता है फाल्गुन में ही , पर पूरी तरह से व्यक्त होता है चैत्र में । सारी वनस्पति और सृष्टि प्रस्फुटित होती है , पके , मीठे अत्र के दानों में आम की मन को लुभाती खुशबू में , गणगौर पूजती कन्याओं और सुहागिन नारियों के हाथ की हरी - हरी दूब में तथा वसंतदूत कोयल की गूंजती स्वर लहरी में खेतों में हलचल , फसलों की कटाई , हंसिए का मंगलमय खर खर करता स्वर और खेतों में डांट डपट - मजाक करती आवाजें । जरा दृष्टि फैलाइए , भारत के आभा मंडल के चारों ओर चैत्र क्या आया मानों खेतों में हंसी खुशी की रौनक छा गई हो ।
पूरे सप्ताह मनाया जाएगा भारतीय नव वर्ष महोत्सव
जोधपुर. नूतन संवत्सर विक्रम संवत 2079 के आगमन पर पूरे सप्ताह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नव संवत्सर समिति 2022 के अध्यक्ष सुरेश बिश्नोई ने बताया कि 31 मार्च को स्नेह मिलन समारोह व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आदर्श विद्या मंदिर केशव परिसर में होगा। नव वर्ष की पूर्व संध्या 1 अप्रैल को शाम 4 बजे से घंटाघर से विशाल शुभकामना शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें महापुरुषों की झांकियां व सामाजिक संदेश देने वाली झांकियां और मातृशक्ति एक ही तरह की साडी में तथा पुरुष केसरिया साफा पहने शोभा यात्रा में शामिल होंगे। शोभा यात्रा का समापन जलजोग चौराहे पर भारत माता के मानचित्र पर दीपक सजाकर मां भारती की आरती और भव्य आतिशबाजी के साथ किया जाएगा । महोत्सव समिति के महासचिव नथमल पालीवाल ने बताया कि नववर्ष शोभायात्रा में हाथी घोड़े 11 ट्रैक्टरों पर झांकियां तथा 2 अप्रैल से 5 अप्रैल तक रक्तदान शिविर व निशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा ।
Published on:
27 Mar 2022 11:26 am
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