
एम्स में सिक्योरिटी गार्ड लगाने का झांसा देकर 3.45 लाख रुपए ठगे
जोधपुर।
बहन का इलाज करवाने के लिए एम्स (AIIMS Jodhpur) आए एक युवक को चाय की दुकान पर अनजान व्यक्ति ने ऐसा झांसे में लिया कि एम्स में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी लगाने का झांसा देकर मामा-भांजा व एक रिश्तेदार से 3.45 लाख रुपए ऐंठ लिए। नौकरी न लगने व टालमटोल के बाद आरोपी के गायब होने पर पीडि़त को ठगी का पता लगा।
बासनी थाना पुलिस ने बताया कि खारिया मीठापुर निवासी श्यामलाल पुत्र खेमाराम माली व खेजड़ला निवासी महेन्द्र पुत्र बाबूलाल ने अदालत में पेश इस्तगासे के आधार पर जैतारण के देवरिया गांव निवासी अशोक कुमार पुत्र श्यामदास वैष्णव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। आरोप है कि गत 5 मार्च को वह बहन का इलाज करवाने एम्स आया था। चाय की दुकान पर अशोक कुमार से मुलाकात हुई थी। उसने अपने भाई के पुलिस में होने व बिलाड़ा थाने में पदस्थापित होने व खुद के एम्स में गार्ड होने की जानकारी दी थी। फिर उसे एम्स में सिक्योरिटी सुपरवाइजर की नौकरी लगाने का झांसा दिया था। श्यामलाल ने गांव जाकर आरोपी से मोबाइल पर सम्पर्क किया और दस्तावेज भेजे थे। फिर आरोपी ने उसे कॉल कर नौकरी लगाने का झांसा दिया था और बदले में दो लाख रुपए मांगे थे। उसके झांसे में आकर पीडि़त 24 मार्च को एम्स आया, जहां चाय की दुकान पर उसने आरोपी को 50 हजार रुपए दिए। जीजा ने 50 हजार रुपए फोन-पे से जमा करवाए थे।तब उसने एक महीने में नौकरी लगाने का भरोसा दिलाया था।
इसके बाद पीडि़त ने अपने भांजे महेन्द्र पुत्र बाबूलाल और रिश्तेदार महेन्द्र पुत्र तिलाराम की नौकरी लगाने के लिए उससे सम्पर्क किया था। भांजे के लिए पिता ने अलग-अलग किस्तों में 1.45 लाख रुपए दे दिए थे। वहीं, महेन्द्र पुत्र तिलाराम ने एक लाख रुपए दिए थे। आरोपी ने शेष राशि नौकरी लगने पर देने को कहा। उसने एक माह में नौकरी लगने का झांसा दिया था। यह समय बीतने पर पीडि़तों ने उससे सम्पर्क किया तो दस दिन में कॉल लेटर आने का भरोसा दिलाया। एक महीने बाद भी कॉल लेटर न आने व नौकरी नहीं लगने पर पीडि़त एम्स पहुंचे तो पता लगा वहां अशोक कुमार वैष्णव नौकरी नहीं करता है। न ही देवरिया गांव में अशोक नाम से कोई व्यक्ति मिला।
Published on:
03 Jan 2024 11:22 pm
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