
वैसे तो भांग का उपयोग नशे के लिए किया जाता है, लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि भांग के पौधे से कपड़े भी बनाए जा रहे हैं। जोधपुर के दो युवाओं ने स्टार्टअप के तहत यह काम शुरू किया। इनके द्वारा भांग के पौधों से तैयार कपड़ों का चार देशों में निर्यात हो रहा है। राजस्थान में इस प्रकार का नवाचार करने वाले ये पहले युवा हैं। अब इनका अगला टारगेट राजस्थान सरकार के साथ जुड़कर इस प्रोजेक्ट को नया आयाम देना है। जोधपुर के युवा अंकित नागौरी और आकाश सेन ने वर्ष 2021 में ईको अर्थ नामक स्टार्टअप को धरातल पर उतारा। अंकित बताते हैं कि हमारा लक्ष्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इन युवाओं का कहना है कि शुरुआत में लोगों को समझाने में काफी दिक्कत हुई, लेकिन अब भांग से बने कपड़ों की डिमांड काफी बढ़ गई है।
कॉटन व भांग के कपड़े में अंतर
भांग की तुलना में कॉटन को दुगुनी जगह की जरूरत रहती है। एक किलो कॉटन उत्पादन के लिए 9 लीटर से ज्यादा पानी चाहिए, जबकि भांग 2 लीटर पानी में ही उग जाती है। भांग का फाइबर कॉटन की तुलना में 4 गुणा ज्यादा ड्यूरेबल है। कॉटन की तुलना में तेजी से अपघटित हो जाता है।
उत्तराखंड में भांग की खेती वैध, वहीं से रेशे के रूप में लाते हैं
उत्तराखंड सरकार ने भांग की खेती को वैध करार दे रखा है। दोनों युवा उत्तराखंड में पौधे उगाकर रेशे के रूप में जयपुर लाते हैं। इन्हें कपड़ों का रूप दिया जाता है। इसके बाद पूरे देश व विदेश में कपड़ा जाता है। विदेश में सबसे ज्यादा भांग के पौधे से बने कपड़े का उपयोग चीन में किया जाता है। चीन में आर्मी की ड्रेस भी इसी कपड़े से बनाई जाती है। दोनों युवा इजिप्ट, सऊदी अरब, दुबई और ऑस्ट्रेलिया में अपने कपड़े का एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
यह भी उपयोग
भांग के पौधे से बने कपड़े से पेंट-शर्ट के अलावा जूते, कम्बल, बैग, बेडशीट, टोपी, मौजे और टॉवल बनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही कंसट्रक्शन मेटेरियल जिसमें हेम्पक्रीट, प्लास्टर पाउडर भी बनाया जाता है। इसके अलावा भांग के बीज, तेल, दूध और अन्य खाद्य पदार्थ भी बनाए जाते हैं, जिनको सरकार ने वैधता दे रखी है। इसके अलावा भांग के पौधे से पेपर, बायो फ्यूल, कॉस्टिमेटिक आइटम भी बनाए जाते हैं।
Published on:
26 Dec 2023 02:19 pm
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