पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) धर्मेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि जिले में चोरी व नकबजनियों के बढ़ने पर बदमाशों को पकड़ने के लिए एएसआइअमानाराम के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर नजर रखने पर सूखा 0033 व रिजवान की आइडी पर हथियार के साथ फोटो व संदिग्ध गतिविधियां व रील्स सामने आई। इन्हें सर्विलांस पर रखा गया। संदेह बढ़ने पर सूरसागर से रिजवान को पकड़ा गया। उसकी फोटो राजकॉपऐप में अपलोड की गई तो 13 एफआइआर दर्ज होने व अन्य अपराधिक रिकॉर्ड सामने आया। गत दिनों सेवकी कला गांव में नकबजनी के सीसीटीवी फुटेज से उसका मिलान किया गया तो वह वारदात में शामिल होने का पता लगा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण भोपाल सिंह लखावत व जयदेव सिहाग व थानाधिकारी लाखाराम के नेतृत्व में पुलिस ने रिजवान से पूछताछ की तो उसने सूखा 0033 गैंग बनाकर चार अन्य दोस्तों संग चोरी-नकबजनी करना कबूल किया। 20 जगह पर छापे मारकर साथी श्रवण जाट को भी पकड़ा गया। पूछताछ के बाद सूरसागर के कबीर नगर में पहाड़ेश्वर महादेव कॉलोनी निवासी हिस्ट्रीशीटर रिजवान (25) पुत्र फतेह मोहम्मद और बनाड़थानान्तर्गत जाजीवाल गोदारा में पूनियों का बास निवासी श्रवणराम पुत्र घेवरराम जाट को गत 2 अगस्त को सेवकी कला निवासी सुखदेव बिश्नोई के मकान में चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। नागौरी गेट भील बस्ती निवासी मोहम्मद नहीम पुत्र मोहम्मद इस्माल, कैलाश भील व सूरसागर निवासी इमरान की तलाश की जा रही है।
सोने-चांदी व ट्रांसफार्मर चोरी
रिजवान सूरसागर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ पहले से 13 मामले दर्ज हैं। श्रवण के खिलाफ दो मामले दर्ज हैं। अन्य तीनों की तलाश की जा रही है। जो सूखा 0033 गैंग बनाकर चोरियां करते थे।
किसान बनकर श्रवण को पकड़ा
रिजवान के पकड़ में आते ही श्रवणरामकाेपकड़ने के लिए छापे मारे। 20 जगहों पर दबिश दी गई, लेकिन वह पहले ही गायब हो जाता था। कांस्टेबल कानाराम व हरेन्द्र ने ट्रैक्टर लिया और किसान बनकर गांव के आस-पास रैकी की। इनसे मिले सुराग पर दबिश देकर श्रव्ण को पकड़ लिया गया। आरोपियों से औजार व फर्जी नम्बर प्लेटें जब्त की गईं हैं।
रैकी के बाद चोरी, कार में सामान भर ले जाते
आरोपी वारदात से पहले रैकी करते थे। सूने मकान को देख मालिक की आर्थिक हालत की जानकारी लेते थे। फिर साजिश के तहत कार व मोटरसाइकिल लेकर जाते और ताले, दरवाजे, गेट आदि तोड़कर मकान में घुसते थे। बिजली आपूर्ति काट देते थे। चोरी के बाद कार में सामान भर कर ले जाते थे। घरवालों की मौजूदगी में भी वारदात करके भाग जाते थे। आरोपियों ने बिजली के ट्रांसफार्मर भी चुराए हैं। गिरोह ने दो साल में 16 जिलों (सीकर, चूरू, नागौर, जोधपुर ग्रामीण व जोधपुर कमिश्नरेट, सीकर, हनुमानगढ़, फलोदी, श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर, पाली, भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर, जैसलमेर, बाड़मेर, जयपुर आदि) में सौ से अधिक चोरियां की हैं।