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कांस्टेबल ने पेपर लीक से परीक्षा पास की, लेकिन पत्नी की वजह से थानेदार नहीं बना

- उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामला : दिन-रात जुटी एसओजी में एसआइटी की टीम

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कांस्टेबल ने पेपर लीक से परीक्षा पास की, लेकिन पत्नी की वजह से थानेदार नहीं बना

कांस्टेबल ने पेपर लीक से परीक्षा पास की, लेकिन पत्नी की वजह से थानेदार नहीं बना

जोधपुर/जयपुर.
उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर के प्रतापनगर सदर थाने में पदस्थापित कांस्टेबल अभिषेक बिश्नोई को भी गिरफ्तार किया गया है। उसने भी लीक प्रश्न पत्र से एसआइ भर्ती परीक्षा पास कर ली थी। वह थानेदार बन जाता, लेकिन पत्नी से विवाद व प्रताड़ना की एफआइआर ने उसकी राह में रोड़ा डाल दिया था। उसकी पत्नी ने दहेज के लिए प्रताडि़त करने की एफआइआर दर्ज करवा रखी है। डीआइजी योगेश दाधीच ने बताया कि इस एफआइआर से अभिषेक को ज्वॉइनिंग नहीं मिली। अन्य प्रशिक्षु थानेदार मंजू व हरखू ने अपनी जगह फर्जी महिला अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास की थी। फर्जी अभ्यर्थियों की तलाश की जा रही है।
15 दिन में 400 शिकायतें
पेपर लीक मामले में एसओजी को गत 15 दिन में ही 400 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं। अधिकांश परीक्षा में विभिन्न अनुचित साधनों का उपयोग कर थानेदार बनने से संबंधित हैं। एसओजी ने आरपीए से 16 थानेदारों को हिरासत में लिया था।इनमें से 11 को गिरफ्तार करने के बाद अन्य से पूछताछ की जा रही है।
कई और थानेदारों की भूमिका की जांच
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसओजी के एएसपी रामसिंह शेखावत, भवानी शंकर मीणा, चिंरजीलाल मीणा, महावीर सिंह, उपाधीक्षक शिव कुमार भारद्वाज, शकील अहमद, नियाज खान, निरीक्षक यशवंत सिंह, हरीपाल सिंह, नेमीचंद, मनीष चारण, एकता, मुकेश खरडि़या, ओमप्रकाश मातवा, सुरेश, गुरमेल सिंह व रामफूल ने पिछले 10 दिन से प्रशिक्षु थानेदारों के खिलाफ सबूत जुटाए। तब बुधवार शाम प्रशिक्षण लेने वाले 11 थानेदार व जोधपुर कमिश्नरेट के कांस्टेबल को गिरफ्तार किया जा सका। एसआइटी अभी भी 40 से अधिक प्रशिक्षु थानेदारों के खिलाफ मिले सबूतों की तस्दीक करने में लगी है।
सबका आका एक...जगदीश बिश्नोई
डीआइजी परिस देशमुख ने बताया कि पेपर लीक मामले में मास्टर माइंड सबका आका है। आरोपी जगदीश ने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाया और उसके बाद साथी यूनिक भांभू व शिवचरण को दिया। यहां से पेपर भूपेन्द्र सारण, शेर सिंह मीणा व फरार चल रहे सुरेश ढाका तक पहुंचा और फिर इन्होंने अपने कई गुर्गों को पेपर भेजकर परीक्षार्थियों को पढ़ाया।