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करोड़ों खर्च, फिर भी अधर में औषधि प्रयोगशाला

जोधपुर में औषधि प्रयोगशाला चालू करने का सपना अभी तक अधर में है

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  करोड़ों खर्च, फिर भी अधर में औषधि प्रयोगशाला

करोड़ों खर्च, फिर भी अधर में औषधि प्रयोगशाला

जोधपुर. झालामंड स्थित संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं और सहायक औषधि नियंत्रक कार्यालय के पास जोधपुर में करोड़ों रुपए की लागत से औषधि प्रयोगशाला के लिए भवन बनाया गया है। यहां १ करोड़ से अधिक रुपए के उपकरण आ चुके हैं। उसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से जोधपुर में औषधि प्रयोगशाला चालू करने का सपना अभी तक अधर में है।

इस योजना के लिए राज्य सरकार ने ५ करोड़ ४६ लाख रुपए स्वीकृत किए थे, जिसकी एवज अभी तक ४ करोड़ ८० लाख रुपए खर्च किए जा चुके है।

ये नुकसान हो रहा
जोधपुर में प्रतिमाह औषधि नियंत्रण अधिकारियों की ओर से लिए जाने वाले सैंपल जयपुर भेजे जाते हैं। जयपुर में एकमात्र लैब है, वहां से दो-दो साल की सैंपल रिपोर्ट अब मिल रही है। जोधपुर में लैब होगी तो रिपोर्ट कुछ दिन में मिलेगी। इसका फायदा संभागीय जिलों को भी होगा।

भवन में कार्यालय शिफ्ट
भवन के एक भाग में सहायक औषधि नियंत्रक कार्यालय चालू कर दिया गया है। जबकि भवन में लैब और एंटीबायोटिक दवाओं के कल्चर की जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी जांच कक्ष भी बना हुआ है। इनमें सेंट्रल कुलिंग सिस्टम बना हुआ है। लैब चालू नहीं होने के अभाव में बिल्डिंग का उपयोग ठंडे बस्ते में है।

इनका कहना है...
उच्चाधिकारियों को समय-समय पर प्रस्ताव भेजे जाते हैं। जल्द लैब प्रारंभ की जाएगी।
- राकेश वर्मा, सहायक औषधि नियंत्रक, जोधपुर