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आश्वासन के बावजूद न्यायिक तंत्र से जुड़े हितधारकों का अलग से टीकाकरण क्यों नहीं

locationजोधपुरPublished: May 13, 2021 12:19:27 am

Submitted by:

rajesh dixit

मुख्य न्यायाधीश ने गंभीरता से लिया, रजिस्ट्रार जनरल ने विधि सचिव को पत्र लिखा

आश्वासन के बावजूद न्यायिक तंत्र से जुड़े हितधारकों का अलग से टीकाकरण क्यों नहीं

आश्वासन के बावजूद न्यायिक तंत्र से जुड़े हितधारकों का अलग से टीकाकरण क्यों नहीं

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति ने राज्य के समस्त जिलों में न्यायिक तंत्र से जुड़े हितधारकों के लिए अलग से वैक्सीनेशन प्रारंभ नहीं करने को गंभीरता से लिया है। रजिस्ट्रार जनरल ने विधि एवं विधिक कार्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन के बावजूद जयपुर और जोधपुर को छोडक़र अन्य जिलों में वैक्सीनेशन अभियान सुचारू नहीं हो पाया है।
रजिस्ट्रार जनरल ने बुधवार को लिखे पत्र में प्रमुख विधि सचिव को उच्च प्राथमिकता देते हुए संबंधित प्राधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद जल्द से जल्द न्यायिक तंत्र से जुड़े सभी उम्र के पात्र हितधारकों के लिए अलग से वैक्सीनेशन सुविधा के दिशा-निर्देश जारी करवाने का अनुरोध किया है। पत्र के अनुसार मुख्य न्यायाधीश के साथ बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव ने आश्वस्त किया था कि सभी जिलों में न्यायिक अधिकारियों, कोर्ट स्टाफ, अधिवक्ता, मुंशी तथा उनके परिजनों के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन अलग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। ऐसा देखने में आया है कि जयपुर और जोधपुर को छोडक़र कमोबेश सभी जिलों में 18 से 44 उम्र के हितधारकों के वैक्सीनेशन का अभियान शुरू नहीं किया गया है या 44 उम्र से अधिक उम्र के हितधारकों का वैक्सीनेशन या तो नियमित संचालित नहीं किया जा रहा या बंद हो चुका है। मुख्य न्यायाधीश ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है, क्योंकि वर्तमान में कोर्ट नियमित रूप से कार्यरत है और सभी संबंधित हितधारकों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्राथमिकता से वैक्सीनेशन की ज्यादा जरूरत है।
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