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पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान, 26-27 दिसंबर को फलोदी में होगा कुरजां महोत्सव, तैयारियां शुरू

फलोदी में 26-27 दिसंबर को होने वाला कुरजां महोत्सव स्थानीय पर्यटन को नई दिशा देगा। जिला प्रशासन ने महोत्सव को भव्य और सफल बनाने के लिए तैयारियों शुरू कर दी है।

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कुरजां महोत्सव को लेकर आयोजित जिला स्तरीय पर्यटन समिति की बैठक (फोटो: पत्रिका)

Kurjan Festival In Phalodi: नूतन वर्ष से ठीक पहले फलोदी में उल्लास और उमंग का माहौल रहेगा, जिससे स्थानीय पर्यटन को नई उड़ान मिलेगी। जिले में 26 और 27 दिसंबर को प्रस्तावित कुरजां महोत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सोमवार को जिला कलक्टर श्वेता चौहान की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें महोत्सव को भव्य, आकर्षक और व्यापक जनसहभागिता वाला बनाने के लिए तैयारियों पर चर्चा की गई।

पर्यटकों को मिलेंगे जीवन के अनमोल लम्हे

कलक्टर ने कहा कि महोत्सव में आने वाले सैलानियों को ऐसे अनुभव मिलेंगे जो उनके जीवन के लिए यादगार बनेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुरजां महोत्सव जिले की पहचान के साथ पर्यटकों के लिए भी स्मरणीय बनना चाहिए। इस महोत्सव को खीचन के अंतरराष्ट्रीय स्तर के पक्षी पर्यटन को नई पहचान देने का अवसर माना गया है।

कुरजां महोत्सव जिले की पहचान बने

कलक्टर ने कहा कि खीचन विश्वभर में कुरजां (डेमोइसाइल क्रेन) के संरक्षण और प्रकृति प्रेम की अनोखी मिसाल के रूप में जाना जाता है। इस महोत्सव का उद्देश्य इसी पहचान को और सशक्त बनाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क, प्रकाश, पेयजल, सुरक्षा, यातायात और सफाई जैसी मूलभूत व्यवस्थाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

लटियाल माता मंदिर से रानीसर तक शोभायात्रा

महोत्सव के दौरान लटियाल माता मंदिर से ऐतिहासिक रानीसर तालाब तक शोभायात्रा आयोजित की जाएगी, जिसमें फलोदी की सांस्कृतिक विरासत झलकेगी। इसके साथ ही स्थानीय उत्पादों और पारंपरिक भोजन की प्रदर्शनी, जिले के पंच गौरव की थीम आधारित प्रदर्शनी, मिस्टर एंड मिसेज फलोदी प्रतियोगिता, चित्रकला और फोटोग्राफी प्रतियोगिता तथा तालाब पर दीपदान महोत्सव आकर्षण का केन्द्र होंगे।

स्थल से गतिविधियों तक नोडल अधिकारी नियुक्त

बैठक में निर्णय लिया गया कि दो दिवसीय महोत्सव की प्रत्येक गतिविधि के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संभालेंगे। महोत्सव में पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षक गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला प्रस्तावित की गई है, जिसमें शामिल हैं: विलेज भ्रमण व ग्रामीण संस्कृति का अनुभव, योगा और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम, बर्ड वॉचिंग (सूर्योदय के समय कुरजां पक्षियों को निहारने का अवसर), हवेली भ्रमण और ऐतिहासिक धरोहरों का परिचय, कैमल कार्ट सफारी, तालाब भ्रमण और खीचन के प्रसिद्ध तालाबों पर विशेष सत्र।

अधिकारियों की मौजूदगी में कार्ययोजना

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर अजय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजराज सिंह चारण, एसीईओ गौतम चौधरी, उपखंड अधिकारी पूजा चौधरी, पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक शरद व्यास सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने विभागवार तैयारियों की रूपरेखा प्रस्तुत की और महोत्सव को सफल बनाने के लिए समन्वित कार्ययोजना पर सहमति जताई।

सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकार

महोत्सव के दौरान शाम को भव्य सांस्कृतिक संध्या आयोजित होगी, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। कलक्टर ने कहा कि हर आयोजन में स्थानीय समुदाय, स्वयंसेवी संस्थाओं और युवा संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि महोत्सव वास्तव में जनोत्सव बन सके।