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बर्बाद हो रहा खानों के विकास के लिए बनाया DMFT फण्ड, खानधारकों से वसूली जा रही अतिरिक्त राशि

जोधपुर जिले में अब भी 1596 सिलीकोसिस पीडि़तों को मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है। इसके लिए करीब 30 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। वर्तमान में डीएमएफटी में फण्ड नहीं है। सिलिकोसिस पीडि़त को 2 लाख रुपए व मृतक आश्रित को 3 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है।

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district mineral foundation trust is not functioning for stone workers

बर्बाद हो रहा खानों के विकास के लिए बनाया DMFT फण्ड, खानधारकों से वसूली जा रही अतिरिक्त राशि

अमित दवे/जोधपुर. प्रदेश में खान धारकों से राशि एकत्र कर बनाए गए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) अपने उद्देश्य पूरे करने में विफल हो रहा है। राज्य सरकार ने 2016 में डीएमएफ टी का गठन किया था। इसके लिए प्रत्येक खानधारक से रॉयल्टी के अतिरिक्त 10 प्रतिशत राशि विकास के रूप में वसूल की जा रही है।

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डीएमएफटी का उद्देश्य खानों के विकास व आसपास के क्षेत्रों में जनपयोगी कार्यों के लिए किया था। इस राशि से खनन क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा, सडक़ निर्माण, पर्यावरण संरक्षण के अलावा अन्य विकास कार्य कराए जाने थे। इसके विपरीत डीएमएफ टी में जमा पूरा पैसा सिलिकोसिस पीडि़तों को मुआवजे के तौर पर वितरित किया जा रहा है।

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15 सौ को नहीं मिला मुआवजा
जोधपुर जिले में अब भी 1596 सिलीकोसिस पीडि़तों को मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है। इसके लिए करीब 30 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। वर्तमान में डीएमएफटी में फण्ड नहीं है। सिलिकोसिस पीडि़त को 2 लाख रुपए व मृतक आश्रित को 3 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है।

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मुख्य सचिव ने भी दिए आदेश
मुख्य सचिव ने वर्ष 2018 में एक आदेश जारी किया था कि डीएफएफटी की गर्वनिंग काउंसिल की बैठक आयोजित किए बिना सिलिकोसिस पीडि़तों को प्राथमिकता से डीएफएफटी फण्ड से समय पर अनुदान वितरित किया जाए, जबकि नियमानुसार उनका सर्वे करवा कर राशि वितरित की जानी चाहिए।

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डीएमएफटी में जमा राशि (लाखों में)

वर्ष------------ राशि
2016-17-- 88.69
2017-18-- 572.09
2018-19-- 1356.30
1 अप्रैल से 30 सितम्बर 2019 तक---- 597.35


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राज्य सरकार के निर्देश पर ही डीएफएफटी फण्ड से सिलिकोसिस पीडि़तों को मुआवजा दिया जा रहा है।
- श्रीकृष्ण शर्मा, माइनिंग इंजीनियर व सदस्य सचिव, डीएमएफटी