अवमानना याचिका में मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया
-सूचना आयुक्तों की नियुक्ति का मामला
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति नहीं होने को लेकर दायर अवमानना याचिका में मौजूदा अधिकारियों को पक्षकार बनाने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश देवेन्द्र कछवाहा की खंडपीठ में याचिकाकर्ता सुरेन्द्र जैन की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मनोज भंडारी ने कहा कि मुख्य सचिव के पद पर निरंजन आर्य तथा प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग के प्रमुख शासन सचिव पद पर अश्विनी भगत की नियुक्ति हो चुकी हैं। उन्हें अवमानना याचिका में पक्षकार बनाना उचित है। इस प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने दोनों को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किए हैं। पिछली सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया था कि मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 30 नवंबर तक नियुक्ति कर ली जाएगी। गौरतलब है कि राज्य आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का पद 10 अप्रैल, 2019 से खाली है। सरकार ने जुलाई, 2019 में इस पद पर नियुक्ति के लिए एक विज्ञापन प्रकाशित किया था, लेकिन तब से मामला अटका हुआ है।
-सूचना आयुक्तों की नियुक्ति का मामला
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति नहीं होने को लेकर दायर अवमानना याचिका में मौजूदा अधिकारियों को पक्षकार बनाने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश देवेन्द्र कछवाहा की खंडपीठ में याचिकाकर्ता सुरेन्द्र जैन की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मनोज भंडारी ने कहा कि मुख्य सचिव के पद पर निरंजन आर्य तथा प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग के प्रमुख शासन सचिव पद पर अश्विनी भगत की नियुक्ति हो चुकी हैं। उन्हें अवमानना याचिका में पक्षकार बनाना उचित है। इस प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने दोनों को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किए हैं। पिछली सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया था कि मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 30 नवंबर तक नियुक्ति कर ली जाएगी। गौरतलब है कि राज्य आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का पद 10 अप्रैल, 2019 से खाली है। सरकार ने जुलाई, 2019 में इस पद पर नियुक्ति के लिए एक विज्ञापन प्रकाशित किया था, लेकिन तब से मामला अटका हुआ है।