
धूल फांक रही है दवाइयों की जांच के लिए बनी यह प्रयोगशाला, कहीं नकली दवा तो नहीं खा रहे हैं हम?
जोधपुर. दवाओं की जांच के लिए जोधपुर से भेजे जाने सैंपल की रिपोर्ट दो से तीन साल में सामने आ रही है। वजह ये है कि औषधि नियंत्रण संगठन की पूरे राजस्थान में एक मात्र प्रयोगशाला जयपुर में है। जबकि जोधपुर में संभाग स्तरीय ड्रग लैबोरेट्री खोलने के लिए झालामंड में करोड़ों रुपए की लागत से बनी दो मंजिला इमारत और उपकरण वर्षों से धूल फांक रहे हैं।
जोधपुर में दवाइयों का बड़ा कारोबार है। इसकी आड में ड्रग माफिया भी अवैध गतिविधियों का संचालन करता है। यही वजह है कि औषधि नियंत्रण संगठन यहां कई बार नकली दवाइयों के कारोबार का भण्डाफोड़ कर चुका है और वैक्सिन तक पकड़े जा चुके हैं। दूसरी तरफ यहां से जांच के लिए जयपुर भेजे गए दवाओं के सैंपल की जांच रिपोर्ट अरसे तक नहीं आती। हालत यह है कि बुखार, कैंसर व एंटीबायोटिक समेत कई जीवनरक्षक दवाइयों के सैंपल की जांच जयपुर ड्रग लेबोरेट्री में पेडिंग है। जोधपुर में ड्रग माफियाओं के हौंसले बुलंद होने का एक कारण यह भी है।
छह माह से धूल फांक रहे एक करोड़ के उपकरण
जोधपुर में संभाग स्तर की ड्रग प्रयोगशाला शुरू करने के लिए करीब छह माह पूर्व 1 करोड़ रुपए के उपकरण आए थे और झालामंड स्थित सहायक औषधि नियंत्रक कार्यालय में धूल फांक रहे हैं। स्टाफ को भी पता नहीं है कि आखिर इनका क्या होगा। इनमें एचपीटीएलसी, डिजोल्यूशन सहित कई उपकरण शामिल हैं। इसी परिसर में ड्रग प्रयोगशाला का भवन और एंटीबायोटिक दवाइयों के कल्चर की जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी जांच कक्ष भी बना हुआ है। इनमें सेंट्रल कूलिंग सिस्टम लगा हुआ है। लेकिन इसे चालू करने की दिशा में राज्य सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही।
इनका कहना है
लैब शुरू करने के लिए डायरेक्टर से संपर्क कर रहे हैं।
- हरिप्रसाद सोनी, उपनिदेशक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला
(पत्रिका ने इस मामले में ड्रग कंट्रोलर राजाराम से बात करना चाहा, लेकिन वे किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे। संपर्क नहीं हो पाया।)
Published on:
10 Dec 2019 01:04 pm
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