
अविनाश केवलिया
Dengue Cases in Rajasthan: मच्छरों का डंक अब जानलेवा बन रहा है। डेंगू के कारण औपचारिक रूप से प्रदेश में दो मौत हो चुकी है, लेकिन अनौपचारिक रूप से आंकड़ा इससे बहुत ज्यादा है।
खास बात है कि मानसूनी सीजन में हर महीने एक परिवार करीब 500 रुपए तक मच्छरों से बचाव में खर्च करता है। पूरे सीजन में एक परिवार का खर्च 1500 रुपए हो जाता है। एक सीजन में आम परिवार तीन से पांच हजार तक का अतिरिक्त बजट इसके लिए रखता है। प्रदेश में मच्छर नियंत्रण का मार्केट तीन माह में 200 करोड़ तक पहुंच जाता है। इसके बावजूद लोग डेंगू से मर रहे हैं।
राज्य सरकार हर साल मच्छर नियंत्रण के लिए एक जिले में टेमीफोस और एमएलओ जैसी दवाइयां सार्वजनिक स्थानों पर डालने के लिए बजट जारी करती है। ऐसे में सरकार हर सीजन में एक जिले को डेढ़ से दो लाख नियंत्रण दवा के लिए देती है। इस बार बजट एक करोड़ से ऊपर है।
सरकारें हर साल मच्छर नियंत्रण में करोड़ों रुपए खर्च करती हैं, लेकिन मच्छर नियंत्रण में सफल नहीं हो पाती हैं। इसी का फायदा उठाकर पेस्ट कंट्रोल करने वाली इंडस्ट्री पूरे देश में हजारों करोड़ का कारोबार कर रही है। सरकार की लापरवाही से लोगों के घरों का बजट बिगड़ रहा है। मच्छर नियंत्रण के लिए स्प्रे, इंसेक्ट कंट्रोल कॉइल, इंसेक्ट कंट्रोल इलेट्रोनिक मशीन, मॉस्किटो कंट्रोल क्रीम जैसे उपाय एक परिवार करता है।
अकेले जोधपुर शहर में मानसून सीजन में मच्छर नियंत्रण का बाजार पांच करोड़ के पार होता है। यही हाल जयपुर, कोटा और उदयपुर का भी है। जोधपुर केमिस्ट एसोसिएशन के संगठन सचिव अविनाश सिंघी बताते हैं कि मेडिकल स्टॉकिस्ट के अलावा एफएमसीजी प्रोडट में भी इसका स्टॉक होता है। हर चौथे घर में मच्छर नियंत्रण के उपाय लोग करते हैं।
जिला- मरीज
उदयपुर- 1067
जयपुर- 908
जयपुर ग्रामीण- 555
बीकानेर- 544
बाड़मेर- 522
(आंकड़े 13 अक्टूबर तक)
प्रदेश में अब तक डेंगू के मरीज- 7226
अब तक कुल मलेरिया के मरीज- 1333
चिकनगुनिया के मरीज इस साल मिले- 238
Updated on:
15 Oct 2024 09:25 am
Published on:
15 Oct 2024 09:07 am
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