- 6 माह से 1 साल तक के बिलों में यह राहत देने की उद्यमियों की मांग
जोधपुर.
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद एक बड़ी समस्या होगी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से पटरी पर लाने की। उद्योगों-व्यापार इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हीें उद्योगों को फिर से जीवनदान देने के लिए कुछ माह तक बिजली बिलों में फिक्स चार्ज माफ करने की मांग उठ रही है। राजस्थान पत्रिका की ओर से उद्यमियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किए गए संवाद में यह बात उभर कर आई।
कोरोना पर विजय पाने के बाद बेरोजगारी व अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए एक प्रकार का संघर्ष करना होगा। कई प्रकार के राहत पैकेज की मांग उद्यमी कर रहे हैं। पिछले करीब एक पखवाड़े से उद्योग, फैक्ट्रियां बंद है। अभी कितने समय तक आगे बंद रहेगा इसकी भी सटीक जानकारी नहीं है। श्रमिक पलायन कर गए हैं। वे हालात सामान्य होने तक नहीं लौटेंगे। अब बंद फेक्ट्रियों से बिजली का फिक्स चार्ज ही सबसे बड़ी आफत है। उद्यमियों ने एक स्वर में कहा कि अभी सरकार ने जो यह चार्ज स्थगित करने का सोचा है, इसेमाफ करना ही एकमात्र रास्ता है।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा
राजस्थान पत्रिका सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित कर यह बात उठाता रहा है। इसका कुछ असर हुआ और सरकार ने उद्योगों से दो माह तक बिजली के फिक्स चार्ज वसूली को स्थगित किया है। लेकिन उद्यमियों की नजर में यह नाकाफी है और आगामी 6 माह से लेकर एक साल तक का फिक्स चार्ज माफ होना चाहिए।
हैण्डीक्राफ्ट
ऑनलाइन चर्चा में जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ भरत दिनेश सहित वरिष्ठ निर्यातकों ने हैण्डीक्राफ्ट सेक्टर के विशेष राहत पैकेज की घोषणा के साथ बिजली के फिक्स चार्ज माफ करने की मांग की।
टेक्सटाइल
मरुधरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष व टैक्सटाइल उद्यमी ज्ञानीराममालू ने भी सरकार से बिजली के फिक्स चार्ज के माफी की मांग की। वहीं उद्यमी मनोहर खत्री ने भी बताया कि जब फैक्ट्रियां ही बंद पड़ी है तो फिक्स चार्ज किस बात का वसूला जा रहा है, उन्होंने सरकार से बिजली के फिक्स चार्ज माफ करने की मांग की।
पर्यटन
होटल व्यवसाय से जुड़े जे.एम बूब, पवन मेहता आदि उद्यमियों ने भी होटल इंडस्ट्री में बिजली चार्ज इंडस्ट्रियल इकाई के रूप में वसूलने व लॉकडाउन में फिक्स चार्ज माफ करने की बात कही।