5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ganapati Temples : हथाईबाजों के कारण गुरु गणपति हुए ‘ इश्किया गजानन ‘ नाम से चर्चित

हर बुधवार को रहता है मेले सा माहौल जोधपुर के गणेश मंदिर-3

less than 1 minute read
Google source verification
Ganapati Temples : हथाईबाजों के कारण गुरु गणपति हुए ' इश्किया गजानन ' नाम से चर्चित

Ganapati Temples : हथाईबाजों के कारण गुरु गणपति हुए ' इश्किया गजानन ' नाम से चर्चित

जोधपुर. देश भर में ' इश्किया ' गजानन जी मंदिर के रूप में पहचाने जाने वाले गुरु गणपति का अनूठा मंदिर जोधपुर शहर के परकोटे के भीतर जूनी मंडी में है । मंदिर में गणेश चतुर्थी ही नहीं बल्कि प्रत्येक बुधवार शाम को मेले सा रहता है । करीब सौ साल पहले एक संकरी गली के अंतिम छोर पर स्थापित गजानन की प्रतिमा शहर के गुरों का तालाब में खुदाई के दौरान मिली थी । तब वहां जैन मंदिर के गुरांसा लालचन्द्र भट्टारक मूर्ति को तांगे में रखकर लेकर अपने घर आए और मूर्ति को एक चबूतरे पर गुरुवार के दिन विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की थी तब से मंदिर का नाम गुरु गणपति ही है ।

क्षेत्र के बुजुर्गों के अनुसार सत्तर के दशक में जब फोन और सोशल मीडिया जैसी सुविधाएं नहीं थी और शहर का विस्तार भी नहीं हुआ था तब युवा वर्ग बड़े बुजुर्गों की मर्यादाओं का विशेष ख्याल रखते थे । भीतरी शहर के ही सगाई हो चुके कुछ युवा गणपति दर्शन के दौरान अपनी मंगेतर से कुछ क्षण बतियाने के लिए बुधवार को मंदिर पहुंचते थे ।

अंतिम छोर पर स्थित मंदिर की संकरी गली में आस - पड़ौस में भी कोई और निवास नहीं होने से किसी बड़े बुजुर्ग की नजरें भी नहीं पड़ती और बड़ों की मर्यादाओं का भी पालन हो जाता था । यह बात आस - पास के कुछ हथाईबाजों के गले नहीं उतरी और गुरु गणपति मंदिर को ' इश्किया गजानन ' के नाम से चर्चित कर दिया ।

मंदिर के संरक्षक व जीर्णोद्धारक ब्रह्मलीन वैद्य बद्रीप्रसाद सारस्वत ने दो दशक पहले माघ शुक्ल पंचमी को मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था ।