उप निरीक्षक पुखराज ने बताया कि नागौरी गेट रोड पर महावतों की मस्जिद के पास निवासी डॉ मोहम्मद शाकिर गौरी पुत्र फतेह मोहम्मद बालेसर की सीएचसी में डॉक्टर हैं। गत 6 अक्टूबर को मोबाइल में एक कॉल आया था। दिल्ली पुलिस के अमित शर्मा बन उसने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर एक पार्सल पकड़ा गया है। जो डॉक्टर की ओर से थाईलैण्ड भेजा जा रहा था। इस पार्सल में पांच पासपोर्ट (तीन पाकिस्तान), 1.4 ग्राम एमडी ड्रग्स, तीन क्रेडिट कार्ड, 4.2 किलो कपड़े, लेपटॉप होना बताया। ठग ने कॉल ट्रांसफर कर एसआइ अनिल कुमार से बात करवाई। उसने डॉक्टर गौरी को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार होने की धमकी दी। ठग ने कहा कि वो इस केस में 17-18 दिन से काम कर रहे हैं। इसलिए दो घंटे में दिल्ली क्राइम ब्रांच पहुंचना होगा। डॉक्टर ने जोधपुर में होना बताकर असमर्थता जताई।
आइपीएस बन वीडियो कॉल किया
ठग गैंग ने फर्जी आइपीएस अधिकारी को शिकायत बताने का कहकर अन्य व्यक्ति से बात करवाई। जिसने वीडियो पर बात की और कहा कि उन्हें पता है कि पार्सल डॉक्टर का नहीं है। स्थानीय बैंक या राजनीतिक व पुलिस की मिलीभगत से उसका खाता खोला गया है, लेकिन सूचना डॉक्टर की थी। खाते में पाकिस्तान से फंडिंग की गई है। पांच में से तीन पासपोर्ट पाकिस्तान के हैं। मामला मानव तस्करी का भी है। यह सुन डॉक्टर घबरा गए। ठग ने 24 घंटे सहयोग करने पर कार्रवाई से बचने का झांसा दिया। साथ ही छह घंटे ट्रैकिंग करने का भरोसा दिलाया। उसने डॉक्टर को मोबाइल सर्विलांस पर रहने व बंद न करने की हिदायत दी।
ड्यूटी से छुट्टी पर घर भेज डिजिटल अरेस्ट किया
ठग ने डॉक्टर को पूरा मामला संवेदनशील व गोपनीय बताया और कहा कि इस बारे में किसी से शेयर न करें। डॉक्टर 7 अक्टूबर को अपनी ड्यूटी पर निकल गए। इसका पता लगने पर ठगों ने आपत्ति जताई। उन्हें तुरंत छुट्टी लेकर घर भेजा। दिनभर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट रखा और आरबीआइ के डमी बैंक खाता बताकर डॉक्टर के एक बैंक खाते से 4,83,215 रुपए और दूसरे खाते से 4,22,649 रुपए आरटीजीएस करवा लिए। ठगों ने राशि छह घंटे में रिफण्ड करने का भरोसा दिलाया था। शाम को जब राशि रिफण्ड नहीं हुई तो डॉक्टर ने ठगों को फोन लगाए, लेकिन वो बंद थे।